नमस्कार ! हम शामली पुलिस के हालचाल दस्ते से बोल रहे हैं..

एसपी अजय कुमार आमजन सहित संदिग्ध लोगों में पुलिस का संदेश पहुंचाने सहित फीडबैक प्राप्त करने के लिए हालचाल दस्ते का गठन किया

Update: 2019-07-30 12:36 GMT

शामली। अपराध की दृष्टि से जनपद की जटिल स्थिति को भांपते हुए उसपर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए युवा आईपीएस अफसर अजय कुमार ने बतौर पुलिस अधीक्षक जोश के साथ होश से भी काम लिया है।इसके तहत उन्होंने जहां जोश अर्थात ताकत की जरूरत महसूस हुई, उसका भरपूर इस्तेमाल किया और अपराधियों पर नकेल कसकर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त किया और जहां तकनीक की जरूरत हुई तो वहां उन्होंने तकनीक का भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया, जिससे अपराध और अपराधियों के सर पर कार्रवाई की तलवार हमेशा लटकती दिखायी देने लगी।


एसपी अजय कुमार आमजन सहित संदिग्ध लोगों में पुलिस का संदेश पहुंचाने सहित फीडबैक प्राप्त करने के लिए हालचाल दस्ते का गठन किया


इसके तहत एसपी अजय कुमार आमजन सहित संदिग्ध लोगों में पुलिस का संदेश पहुंचाने सहित फीडबैक प्राप्त करने के लिए हालचाल दस्ते का गठन किया, जिनका काम प्राइवेट काॅल सेंटर की तरह लोगों से कनैक्ट रहकर विभागीय संदेश देने के साथ ही फीडबैक हासिल करना है।
एसपी अजय कुमार ने एक ओर जहां अपराध और अपराधियों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है, वहीं उन्होंने सामाजिक सरोकारों को भी प्राथमिकता दी है। इसी के चलते सोशल मीडिया पर पुलिस मित्र की छवि से प्रभावित जलालाबाद का विजय कुमार नशे के खिलाफ पुलिस द्वारा चलायी जा रही मुहिम का ब्रांड एम्बेसडर बन गया था। पुलिस अधीक्षक ने उसे 20 हजार की नगद सहायता भी प्रदान की थी।


एसपी अजय कुमार ने शामली के 322 गांव और 38 मौहल्लों के लिए 8 महिला पुलिस कर्मियों का हालचाल दस्ता गठित किया था


सूत्रों की मानें तो एसपी अजय कुमार ने शामली के 322 गांव और 38 मौहल्लों के लिए 8 महिला पुलिस कर्मियों का हालचाल दस्ता गठित किया था, जिसे आठ विभागीय मोबाइल फोन मुहैया कराये गये हैं। हालचाल दस्ते की इन महिला पुलिसकर्मियों का काम काॅल सेंटर की तरह लोगों को काॅल करके उनका हालचाल जानना और सम्भावित घटना या वारदात के बारे में फीडबैक हासिल करके उसे महत्व के आधार पर सम्बन्धित थानाध्यक्ष या स्वयं एसपी तक पहुंचाना होता है। हालचाल दस्ते को उपलब्ध कराये गये मोबाइल में प्रत्येक गांव व मौहल्ले के 10-10 ऐसे लोगों के मोबाइल नम्बर फीड कराये गये हैं, जो वहां की अच्छी-बुरी सूचना से पुलिस को अवगत करा सकें और पुलिस के संदेश को आसानी से क्षेत्र में प्रसारित करा सकें। इस तरह से मोबाइल से 3600 लोगों से सम्पर्क आसान हो गया है। इसके साथ ही 40-40 नम्बरों के अलग से ग्रुप बनाये गये हैं, जिसमें क्षेत्र के व्यवसायी, पैट्रोल पम्प संचालकों, शिक्षण संस्थान, चिकित्सक, उद्योगपति को शामिल किया गया है। लोगों से बातचीन करने में आसानी की दृष्टि से हालचाल दस्ते की एक महिलाकर्मी के मोबाइल में 500 नम्बर उपलब्ध होते हैं, जिनसे वे लगातार सम्पर्क स्थापित करके उनसे फीडबैक लेने का कार्य करती रहती हैं। हालचाल दस्ते की महिलाकर्मी प्रतिदिन डेढ हजार लोगों से संपर्क कर जानकारी जुटाती है।
उदाहरण के तौर पर हालचाल दस्ते की महिलाकर्मी का फोन पर संवाद कुछ इस तरह का होता है-


नमस्कार ! हम शामली पुलिस के हालचाल दस्ते से बोल रहे हैं...आप ठीक है क्षेत्र में कोई गड़बड़ तो नहीं.....


हालचाल दस्ते की महिला पुलिस कर्मी लोगों का हालचाल जानने के साथ ही यह भी जानने का प्रयास करती हैं कि क्षेत्र में कोई असामान्य बात नहीं है, कोई शराब आदि नशीले पदार्थों का व्यापार तो नहीं कर रहा, क्षेत्र में कोई जुआ, सट्टा आदि अवैध कारोबार में तो संलिप्त तो नहीं है या क्षेत्र में रंजिशन या अन्य कारणों से कोई घटना घटित होने का अंदेशा तो नहीं हैं। इतना ही नहीं खुद एसपी अजय कुमार ने भी लगभग एक हजार से अधिक काॅन्टैक्ट नम्बर अपने मोबाइल में फीड कर रखे हैं, जिनमें पत्रकार, उद्योगपति व अन्य सम्भ्रांत नागरिक हैं। वे अक्सर उनसे जुडे़ रहने का प्रयास करते हुए उनसे छोटी से छोटी और बड़ी बात या घटना की जानकारी और फीडबैक लेते रहते हैं। उन्होंने जनपद भर से गुड प्यूपिल छांटकर उनका भी ग्रुप बना रखा है, जिनसे वे प्रायः अटैच रहते हैं।
हालचाल दस्ते के गठन के साथ ही खुद भी इतने ढ़ेर सारे लोगों या ग्रुप से जुड़ने के विषय में एसपी अजय कुमार का कहना है कि हालचाल दस्ता गठित करने व खुद भी लगभग 1000 नम्बरों से जुडे रहने के कारण उन्हें क्षेत्र की पूरी जानकारी आसानी से मिल जाती है। उन्होंने खोजी न्यूज को बताया कि इससे क्षेत्र में होने वाले सम्भावित अपराधों सहित क्षेत्र में चल रही गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारियां व उनकी पुलिसिंग के बारे में कुछ भी गलत पता लगने से उनके खिलाफ एक्शन लेने में आसानी हो जाती है। इसके साथ ही पुलिस का मित्र चेहरा भी जनता के सामने आसानी से पहुंच जाता है कि पुलिस से डरने या दूरी बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि पुलिस से नजदीकी बनाकर क्षेत्र से अपराध और अपराधियों का खात्मा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हालचाल दस्ता और निगरानी दस्ता शातिरों व असामाजिक तत्वों पर दिन-रात नजर रखे हुए है। एसपी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर ये दस्ते बनाये गये थे। हालचाल दस्ते की महिला पुलिसकर्मी व्यवहार कुशल हैं और प्रतिदिन लगभग डेढ़ हजार लोगों से सम्पर्क करके सूचनाएं जुटाती हैं।


एसपी अजय कुमार ने दिया अविस्मरणीय कार्यो का अंजाम


जानकारों की मानें तो एसपी अजय कुमार ने गुड पुलिसिंग के साथ ही जनता के साथ कनैक्ट रहकर जनपद में कई ऐसे कार्यों को अंजाम दिया है, जो अविस्मरणीय हैं। आमजन और पुलिस के बीच की दूरी कम हुई है, जिससे पुलिस का मित्र चेहरा लोगों के सामने उजागर हुआ है। अपनी कार्यकुशलता और नीतियों के कारण एसपी अजय कुमार ने क्षेत्र में अपनी एक अलग छाप छोड़ दी है, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकेगा। क्षेत्रवासियों के अनुसार चुनाव के दौरान तो हालचाल दस्ते ने बेहद सराहनीय कार्य किया है। उनके द्वारा लोगों को फोन करके कहा गया था कि- ''यदि कोई चुनाव में गडबडी करने का इरादा रखता है तो समय रहते इसकी सूचना पुलिस को जरूर दें।'' हालचाल दस्ते के इस तरह की फोनकाल्स से जनता में भयमुक्त व विश्वास का वातावरण बना था, जो चुनाव के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के पीछे एक बडा कारण रहा है।

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