पुलिस की सराहनीय पहल, कप्तान ने खुद सम्भाली कमान

Update: 2019-06-24 09:02 GMT

शामली। पुलिस कप्तान अजय कुमार अपनी विशिष्ट कार्यशैली के चलते पुलिस विभाग के तेजतर्रार और कुशल अफसरों में गिने जाते हैं। इसी के चलते वे राज्य की पुलिस के मुखिया से प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त कर चुके हैं। इतना ही नहीं हाल ही में जनपद में पधारे जनपद के नोडल अफसर व सूबे के वरिष्ठ नौकरशाह ने भी उनकी विशिष्ट कार्यशैली की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की थी।

जनपद के पुलिस मुखिया अजय कुमार ने यातायात दुरूस्त करने के महा अभियान की कमान खुद सम्भालते हुए चिलचिलाती धूप में स्वयं सड़क पर उतर कर तमाम लोगों को गुलाब के फूल भेंट किए। तपती धूम में अपने पुलिस कप्तान को फूल भेट करके लोगों को यातायात के नियम बताते और लोगों को हैलमेट के फायदे बताते हुए तमाम लोगों ने कौतुहल के साथ देखा। इतना ही नहीं महिलाएँ और बच्चे भी अपनी-अपनी छतों पर चढ़कर इस सीन को यादगार बना रहे थे। जो जहाँ था, वहीं थमकर पुलिस के इस जांबाज अफसर द्वारा तन को झुलसाती धूप में लोगों को फूल देकर यातायात के नियम पालन करने की अपील कर रहे मानवता का इतिहास बनाते देख रहा था। जिसने भी यह सीन देखा, वो पुलिस के इस बेहद मानवीय चेहरे को देखकर भावुक हो उठा।

इस अवसर पर मीडिया ने भी उनसे सवाल किये और कप्तान अजय कुमार ने उन सभी सवालों को बेबाकी से जवाब भी दिया। आईपीएस अफसर अजय कुमार ने कहा कि दोपहिया मोटर वाहन चलाते समय हेलमेट ना लगाना लोगों की एक बहुत ही बुरी आदत है। उन्होंने कहा कि लोगों की इस बुरी आदत को सुधारना आसान तो नहीं है, लेकिन नामुमकिन भी नहीं है। पुलिस कप्तान ने कहा कि हर आदमी हेलमेट ना लगाने के बुरे परिणाम को जानता है, परन्तु अपनी बुरी आदतों के चलते उसमें सुधार नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि लोगों की सोई हुई चेतना को जगाने के लिए पहले राउण्ड में उन्हें गुलाब का फूल भेंट कर जागरूक किया जा रहा है। पुलिस कप्तान ने कहा कि उन्हें पूरी आशा है कि इस मुहिम का लोगो पर असर होगा और ज्यादा से ज्यादा लोग हेलमेट लगाना शुरू कर देंगे। उन्होंने बताया कि अगले चरण में जनसहयोग से जरूरतमंदो को मुफ्त में हेलमेट वितरित करने की योजना है, इसके लिए सक्षम लोगों से हैलमेट दान करने की अपील की जायेगी। उन्होंने बताया कि यातायात के नियमों के प्रचार-प्रसार के लिए और वाहन चलाते समय हैलमेट अनिवार्य रूप से लगाने के लिए विद्यालयों व महा विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि वे भविष्य में इन बुरी आदतों का शिकार न हो सकें और यातायात के नियमो का पुलिस के डर से नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के कारण अनिवार्य रूप से पालन कर सकें।

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