स्योहारा के ज्योति मर्डर केस में मिला इंसाफ
बिजनोर के कप्तान की सूझ बूझ से असली क़ातिल जेल में तो झूठे नामजद लोगो को मिला इंसाफ
बिजनोर:अतुल शर्मा वर्तमान में बिजनोर जनपद के पुलिस अधीक्षक हमेशा कोशिश में रहते है कि पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलना चाहिए और वो गंभीर प्रकरण में निष्पक्ष विवेचना के पक्षधर भी है उनकी इसी कार्यशैली का नतीजा रहा कि एक परिवार हत्या के झूठे मुकदमे में जेल जाने से बच गया
दरअसल बिजनोर के स्योहारा थाना इलाके के गांव मिर्ज़ालिपुर में ज्योति नामक महिला की हत्या कर दी गयी। 7 सितंबर को हुई इस हत्या में मृतका के भाई हेमराज ने उसके पति मोनू, देवर मनोज ससुर कृपाल सिंह व अन्य को नामजद करते हुए धारा 302,201 का मुकदमा स्योहारा थाने पर दर्ज करा दिया। पुलिस ने जांच शुरू की तो ससुराल वालों द्वारा हत्या करने की कोई वजह सामने नही आई इसी बीच पुलिस कप्तान अतुल शर्मा को भी लगा कि इस हत्या के पिछे कोई और भी हो सकता है इसी के मद्देनज़र उन्होंने सीओ धामपुर सुशील कुमार और उनकी टीम को लगाया कि इस हत्या के असली मुल्ज़िम की तलाश की जाए अपने कप्तान की मंशा के अनुसार सीओ धामपुर सुरागरसी में लग गए । इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मृतका ज्योति की ननद व मौसेरे भाई को लेकर ज्योति की ससुराल में अक्सर विवाद होता था बस फिर क्या था पुलिस ने ज्योति की ननद से पुछताछ की तो उसके ओर दलबीर के बीच प्रेम संबंधों में ज्योति के रोड़ा बनने की बात सामने आई फिर क्या था पुलिस ने दलबीर को धर दबोचा कड़ी पुछताछ में उसने अपने साथी सहित हत्या करने का जुर्म स्वीकार कर लिया पुलिस ने दलवीर को जेल भेज दिया है
इसे कहते है गुड पुलिसिंग
अक्सर नामजद मुकदमे पुलिस उन्ही लोगो को जेल भेज देती है वो पचड़े में नही पड़ना चाहती है लेकिन कुछ अफसर ऐसे होते है जो निष्पक्ष कार्यवाही करने के पक्षधर रहते है ऐसे अफसरों की बदौलत ही बेकसूर लोगो को इंसाफ मिल जाता है। बिजनोर के इस मुकदमे में भी ज्योति के ससुराल वाले बच नही सकते थे अगर कप्तान अतुल शर्मा निष्पक्ष विवेचना ना करा पाते। उन्ही के इस सराहनीय कार्य पर बिजनोर में उनकी सराहना की जा रही है