100% बहुमत साबित करुंगा येदियुरप्पा, स्पीकर ने की बागी विधायकों की सदस्यता रद्द

बी एस येदियुरप्पा ने कहा, वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को तत्काल पारित कराने की जरूरत है अन्यथा हम तनख्वाह भी देने के लिए धन नहीं ले रहे हैं।बहुमत कल इसलिए कल बहुमत साबित करने के बाद हम सबसे पहले इस वित्त विधेयक को हाथ में लेंगे।

Update: 2019-07-28 12:55 GMT

बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से एक दिन पहले रविवार को मुख्मयंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सौ फीसद बहुमत साबित करने का विश्वास जताया।

वित्त विधेयक को भी बिना किसी परिवर्तन के वह सोमवार को सदन में पेश करेगी

बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि पिछली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार द्वारा तैयार किए गए वित्त विधेयक को भी बिना किसी परिवर्तन के वह सोमवार को सदन में पेश करेगी।

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस-जद (एस) के 14 और विधायकों को सदन की गठबंधन के लिए अयोग्य घोषित किया

वहीं दूसरी तरफ़ कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस-जद (एस) के 14 और विधायकों को सदन की गठबंधन के लिए अयोग्य घोषित किया था जिसके साथ ही अयोग्य ठहराये गये विधायकों की संख्या अब 17 हो गयी है। इसका सोमवार को येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को तत्काल पारित कराने की जरूरत है

बी एस येदियुरप्पा ने कहा,  वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को तत्काल पारित कराने की जरूरत है अन्यथा हम तनख्वाह भी देने के लिए धन नहीं ले रहे हैं।बहुमत कल इसलिए कल बहुमत साबित करने के बाद हम सबसे पहले इस वित्त विधेयक को हाथ में लेंगे। 

बहुमत के लिए आधुनिक आंकड़ा 104 है

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर 224 सदस्यीय विधानसभा में अब संख्या बल 207 रह गया है। मत-विभाजन की स्थिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष को बराबर वोट मिलने पर अध्यक्ष वोट करते हैं। बहुमत के लिए आधुनिक आंकड़ा 104 है।

भाजपा के पास एक निर्दलीय के समर्थन के साथ ही 106 सदस्य हैं

भाजपा के पास एक निर्दलीय के समर्थन के साथ ही 106 सदस्य हैं। कांग्रेस के 66 (नामित सहित) जद (एस) के पास 34, बसपा के एक विधायक हैं।

14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार विश्वास मत के बाद मंगलवार को गिर गयी थी

बहुजन समाज पार्टी ने कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में वोट नहीं करने पर अपने विधायक को तटस्थ  कर दिया था।आपको बताते चलें 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार विश्वास मत के बाद मंगलवार को गिर गयी थी।

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