मंत्री जी, आपके लोग मारपीट करेंगे- हम पता भी न लें- योगराज
यदि हमारे लोगों के साथ मारपीट होगी, तो हम 10 नहीं, 2 मिनट में मौके पर पहुचेंगे।
मजफ्फरनगर। किसान व भाजपाईयों में हुई मारपीट के मामले में पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने केन्द्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यदि हमारे लोगों के साथ मारपीट होगी, तो हम 10 नहीं, 2 मिनट में मौके पर पहुचेंगे। उन्होंने डाॅ. संजीव बालियान को नसीहत देते हुए कहा कि मंत्री जी जनप्रतिनिधि को इतना गुस्सा शोभा नहीं देता है।
गौरतलब है कि शाहपुर के गांव सोरम में केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. संजीव बालियान की मौजूदगी में भाजपाईयों व किसानों में मारपीट हो गई थी। इस मामले ने तूल पकड़ लिया था और बड़ी संख्या में सोरम के लोगों ने थाने का घेराव किया था। घटना के अगले दिन केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. संजीव बालियान ने एक भट्टे पर पंचायत आयोजित की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस बात की जांच कराई जायेगी कि रालोद नेता योगराज सिंह घटना के 10 मिनट बाद मौके पर कैसे पहुंच गये? इसका जवाब देते हुए पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने वीडियो शेयर की है। उन्होंने बताया कि वह दोपहर लगभग 2 बजे गांव धनायन में जितेन्द्र त्यागी की तेरहवी में गया था। वहां से वे पुरबालियान में आयोजित पंचायत में जा रहे थे।
इसी दौरान उन्हें सोरम में हुई घटना की जानकारी मिली और वे सोरम पहुंच गये। उन्होंने केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. संजीव बालियान की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम 10 मिनट में मौके पर पहुंचे, इसमें भी आपको दिक्कत है। आपके लोग किसानों के साथ मारपीट करेंगे और हम उनका पता लेने के लिए भी न जाएं, यह कहां का न्याय है? उन्होंने कहा कि मंत्री जी अगर हमारे लोगों के साथ मारपीट होगी, तो हम 10 मिनट में नहीं, 2 मिनट में मौके पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. संजीव बालियान के पास किसानों के मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ नहीं है। उन्हें अपनी जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है। डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है। कृषि बिलों पर आज तक कुछ नहीं हुआ। किसान के पास बच्चों की फीस का भुगतान करने के लिए पैसे तक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में जनता जनप्रतिनिधि से सवाल नहीं करेगा, तो किससे करेगी। जनप्रतिनिधि का नैतिक कर्तव्य है कि वह जनता को जवाब दें। जनप्रतिनिधि को क्षेत्र की जनता पर गुस्सा नहीं करना चाहिए।
अच्छा होता कि केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. संजीव बालियान ऐतिहासिक गांव सोरम में पीड़ितों के पास जाते। उनसे खेद व्यक्त करते। ग्रामीण मान जाते। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। गलती मानने से कोई भी छोटा नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि आप रालोद की भूमिका की जांच कराने की बात कर रहे हैं, यह भी जांच कर लें कि विरोध करने वाले कार्यकर्ता किसके थे। जिन्होंने विरोध किया, वे बोल रहे थे कि वे चुनाव में बीजेपी के एजेंट थे। उन्होंने कहा कि जांच करा रहे हैं, तो बताईये कि कौन सी एजेंसी से जांच करा रहे हैं, हम उनका सहयोग करेंगे। लेकिन यह भी जांच कराएं कि किन लोगों ने मारपीट की। उन्होंने कहा कि सीखना है, तो रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह से सीखिये। अजित सिंह को जब मामले की जानकारी लगी, तो वे अगले दिन गांव सोरम में पहुंचे। पीड़ितों से मिले। उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति विश्वास रखें, कम से कम उन पर गुस्सा तो कतई न करें।