बेटी पढ़ाओ के हिमायती हैं इकराम कस्सार
मौहम्मद इकराम कस्सार ने हमेशा सामाजिक कुरीतियों की खिलाफत की है। उन्होंने अपने संगठन जमीतुल उलेमा हिन्द सहित सेकुलर फ्रंट व पैगामे इंसानियत के साथ मिलकर समाज मे शिक्षा का प्रसार करने और सामाजिक कुरीतियों का सफाया करने का बीड़ा उठा रखा है।
सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलन्द करने व वर्तमान में सरकार द्वारा चलाये गये महिला सशक्तिकरण की मंशा के अनुरूप बालिका पढ़ाओ, बालिका बचाओं अभियान के सशक्त हस्ताक्षर बने जमीतुल उलेमा-ए-हिन्द के विगत बीस सालों से जिला कोषाध्यक्ष मौहम्मद इकराम कस्सार ने हाईस्कूल तक ही शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी तीनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिलायी है। बालिका शिक्षा के प्रबल हिमायती मौहम्मद इकराम कस्सार ने अपनी बड़ी बेटी को बीएड़, मंझली बेटी को बीएससी और छोटी बेटी को इंटर तक की शिक्षा दिलायी है।
व्यवसायी घराने में पैदा हुए मौहम्मद इकराम कस्सार ने हमेशा सामाजिक कुरीतियों की खिलाफत की है। उन्होंने अपने संगठन जमीतुल उलेमा हिन्द सहित सेकुलर फ्रंट व पैगामे इंसानियत के साथ मिलकर समाज मे शिक्षा का प्रसार करने और सामाजिक कुरीतियों का सफाया करने का बीड़ा उठा रखा है। समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने बच्चों की निशुल्क शिक्षा के लिए एक मदरसा भी अपने खर्च पर ही संचालित कर रखा है, इसके लिए वे किसी सरकारी सहायता, चन्दे या फीस पर आश्रित नहीं हैं। उन्होंने बताया कि मदरसे में दीनी और दुनियावी तालीम का निःशुल्क इंतजाम किया गया है, जिसमें लगभग 50 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे इस मदरसे को जूनियर हाईस्कूल के रूप में उच्चीकृत करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने प्रयास भी आरम्भ कर दिये हैं।
विगत 40 वर्षों से जमीतुल उलेमा हिन्द के सक्रिय पदाधिकारी व वर्तमान में 20 वर्षों से संगठन के जिला कोषाध्यक्ष मौहम्मद इकराम कस्सार ने खोजी न्यूज को बताया कि समाजसेवा उनके खून में है। उनके परिवार के लोग समाजसेवा में अग्रणी रहे हैं। उनके भाई चौधरी के यासीन कस्सार बिरादरी के सदर हैं। वे बताते हैं कि उनका रूझान राजनीति में भी है।