22 जनवरी की छुट्टी रद्द करने पहुंचे छात्रों को लगी हाईकोर्ट की फटकार

विशेष पीठ ने महाराष्ट्र एवं गुजरात के विधि के चार छात्रों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर विशेष सुनवाई की है।

Update: 2024-01-21 13:17 GMT

मुंबई। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे श्री राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 22 जनवरी को घोषित सार्वजनिक अवकाश रद्द कराने के लिए पहुंचे चार छात्रों की जनहित याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा है कि यह जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित तुच्छ और परेशान करने वाली है।

रविवार को मुंबई हाईकोर्ट के जस्टिस गिरीश कुलकर्णी एवं जस्टिस नीला गोखले की विशेष पीठ ने महाराष्ट्र एवं गुजरात के विधि के चार छात्रों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर विशेष सुनवाई की है।

अदालत ने जनहित याचिका को दायर करने वाले चारों स्टूडेंट को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि यह याचिका पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित, तुच्छ एवं परेशान करने वाली है।

हाई कोर्ट की ओर से याचिका दाखिल करने वाले छात्रों को सलाह दी गई है कि वह अपने समय का इस्तेमाल बेहतर काम करने में करें।

दो सदस्यीय बेंच ने कहा है कि आमतौर पर अदालत की ओर से इस प्रकार की याचिकाओं को खारिज करते समय याचिका दाखिल करने वाले पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन वह छात्र होने की वजह से ऐसा करने से बच रही है, क्योंकि याचिका दाखिल करने वाले युवक छात्र है और इसलिए सावधानी का एक शब्द पर्याप्त होगा।

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