जीवनभर की इम्युनिटी देता है मां का दूध

कोरोना काल में हर व्यक्ति इस वक्त इम्युनिटी के पीछे भाग रहा है। बाजार में इम्युनिटी बूस्टर धड़ल्ले से बिक रहे हैं

Update: 2020-08-04 14:11 GMT

लखनऊ। कोरोना काल में हर व्यक्ति इस वक्त इम्युनिटी के पीछे भाग रहा है। बाजार में इम्युनिटी बूस्टर धड़ल्ले से बिक रहे हैं, और घर पर लोग तमाम तरह के उपाय कर रहे हैं लेकिन अगर प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर की बात करें तो वो है मॉं का दूध। जी हां, मॉं के दूध में पाये जाने वाले पोषक तत्व बच्चे को केवल बचपन में ही नहीं बल्कि जीवन भर इम्युनिटी देते हैं। ऐसे में विश्व स्तनपान सप्ताह के मौके पर जानते हैं स्तनपान के फायदे और इस पर एक्सपर्ट की राय।

हर साल अगस्त माह के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तन पान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का महत्व इसी बात से समझ सकते हैं, कि आम तौर पर डॉक्टर्स डे, मदर्स डे, फादर्स डे, आदि केवल एक दिन मनाया जाता है, लेकिन स्तन पान दिवस को पूरी दुनिया में सात दिन तक सेलेब्रेट किया जाता है। इस सप्ताह को मनाने का मुख्य उद्देश्य स्तनपान के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

इसकी शुरुआत 1991 में महिलाओं के बीच स्तनपान को लेकर जागरूकता फैलाने से हुई थी। हर साल इसे एक नए विषय के साथ मनाया जाता है। इस साल का विषय है- "स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प'। नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा चिपचिपा युक्त मां के स्तन का पहला दूध (कोलेस्ट्रम) संपूर्ण आहार होता है जिसे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा सामान्यतः बच्चे को 6 महीने की अवस्था तक नियमित रूप से स्तनपान कराते रहना चाहिए। शिशु को 6 महीने की अवस्था के बाद भी लगभग दो साल तक या उससे अधिक समय तक स्तनपान कराते रहना चाहिए। साथ ही साथ छह माह के बाद बच्चे को पौष्टिक पूरक आहार भी देने शुरू कर देना चाहिए। 

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