18 जुलाई से पूर्व हो सकता यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार, इनकों मिल सकता है स्थान
राजनीतिक पंडितों के अनुसार चूंकि 18 जुलाई को विधानसभा का सत्र आयोजित होना है और इससे पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार की पूरी सम्भावना है। सूत्रों की मानें तो रालोद प्रमुख चौधरी अजीत के मुकाबले डां संजीव बालियान को जिताने में नगर विधायक कपिलदेव अग्रवाल की भूमिका को बडे तौर पर देखा जा रहा है। डा.संजीव बालियान को केन्द्रीय मंत्री बनाये जाने के बाद मुजफ्फरनगर से दूसरी बार विधायक बने कपिलदेव अग्रवाल को भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल का जल्द ही विस्तार करेंगे। इस विस्तार में 12 से ज्यादा नये मंत्री बनाए जाने जानकारी सामने आ रही है। स्वतंत्र प्रभार के 2 मंत्रियों का प्रमोशन होने की भी सम्भावना है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार चूंकि 18 जुलाई को विधानसभा का सत्र आयोजित होना है और इससे पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार की पूरी सम्भावना है। सूत्रों की मानें तो रालोद प्रमुख चौधरी अजीत के मुकाबले डां संजीव बालियान को जिताने में नगर विधायक कपिलदेव अग्रवाल की भूमिका को बडे तौर पर देखा जा रहा है। डा.संजीव बालियान को केन्द्रीय मंत्री बनाये जाने के बाद मुजफ्फरनगर से दूसरी बार विधायक बने कपिलदेव अग्रवाल को भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।
अपुष्ट जानकारी के मुताबिक अधिकांश को मंत्रिमण्डल में शामिल होने वालों मे अधिकतर को राज्यमंत्री बनाया जाएगा। नये मंत्रिमण्डलं में जहां क्षेत्रीय संतुलन का समीकरण भी समायोजित किये जाने पर जोर रहेगा, वहीं जातीय समीकरण पर भी पैनी नजर है। नये मंत्रियों में अति पिछड़ा वर्ग को वरीयता दिए जाने की उम्मीद भी जताई जा रही है। इस बार बुंदेलखंड, अवध क्षेत्र से भी मंत्री बनाये जाने की जानकारी मिल रही है। संभावित मंत्रियों की सूची में एक एमएलसी का नाम भी सुना जा रहा है। राजनीति के पंडित बताते हैं कि योगी मंत्रिपरिषद विस्तार पर मंथन लगभग पूरा हो चूका है और जल्द ही सीएम राज्यपाल से मिलकर मंत्रीमंडल विस्तार के लिए समय ले सकते है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में चार कैबिनेट मंत्रियों के पद खाली हुए हैं। इनको भरने के लिए योगी सरकार जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल कर सकती है। योगी कैबिनेट के विस्तार के दौरान कुछ संभावित नामों पर विचार किया जा सकता है। इसमें सबसे पहला नाम बीजेपी के एमएलसी अशोक कटारिया का चल रहा है। गुर्जर चेहरे के रूप में प्रदेश महामंत्री एवं एमएलसी अशोक कटारिया का नाम एक बार फिर चर्चा में है। एमएलसी विजय बहादुर पाठक भी मंत्री बनने की रेस में आगे चल रहे हैं। तीसरे नंबर पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री विद्या सागर सोनकर का नाम लिया जा रहा है। विद्या सागर सोनकर की पहचान दलित चेहरे के रूप में है।
सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह के बेटे और नोएडा से विधायक पंकज सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। सीएम योगी के शहर गोरखपुर से दो विधायकों के नामों पर भी चर्चा हो सकती है, जिनमें गोरखपुर से भाजपा के नगर विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और पिपराइच से बीजेपी विधायक महेन्द्रपाल सैंथवार के नामों की चर्चा है।
बता दें कि योगी सरकार में फिलहाल 24 कैबिनेट, 13 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 13 राज्यमंत्रियों समेत कुल 46 मंत्री हैं। अभी हाली ही में चार कैबिनेट मंत्रियों के पद खाली हुए हैं, तो माना जा रहा है कि योगी सरकार जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल या विस्तार कर सकती है। योगी सरकार बनने के वक्त मंत्री बनने से चूक जाने वाले कुछ विधायकों को इस बार मौका मिलने की आस है। रेस में शामिल विधायकों ने लामबंदी भी तेज कर दी है। वे इस बार कोई मौका नहीं चूकना चाहते।
बता दें कि 17वीं लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी के चार मंत्रियों सहित सात विधायकों को मैदान में उतारा था। अंबेडकरनगर से लड़ने वाले सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को छोड़कर अन्य सभी मंत्री चुनाव जीत गए हैं। महिला कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचैरी कानपुर से जीते हैं। मत्स्य विभाग के मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा सुरक्षित सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे, अब इन तीनों मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। जबकि बगावत के कारण ओमप्रकाश राजभर को पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री पद से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। इस प्रकार देखें तो कुल चार कैबिनेट मंत्रियों के पद खाली हैं
राजनीति के जानकारों की मानें तो योगी मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद ही कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है, क्योंकि योगी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में पार्टी कई जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी। किसे कितना नेतृत्व मिला उसी आधार पर अध्यक्ष और संगठन में भी बदलाव किया जाएगा। प्रदेश सरकार से कुछ चेहरों को सत्ता से हटाकर संगठन में भेजा जा सकता है।