सहकारिता विभाग किसानों की आय वृद्धि मेे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

कृषि उत्पादों की परिभाषा को विस्तारित करके और अधिक व्यापक किया गया है। अब पोल्ट्री, फिशरीज, वानिकी, हार्टीकल्चर, पशुपालन, खाद्य एवं अखाद्य तेलों, पशु आहार एवं ग्रामीण शिल्प एवं खेती बाड़ी से जुड़ी गतिविधियों को भी सम्मिलित करते हुए सहकारिता विभाग सहयोग दे रहा है।

Update: 2019-07-14 05:12 GMT

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में किसानों की आय वृद्धि करने में सहकारिता विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं की प्रगति, सुधार और उनके कामकाज को अधिक से अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।

कृषि उत्पादों की परिभाषा को विस्तारित करके और अधिक व्यापक किया गया है

कृषि उत्पादों की परिभाषा को विस्तारित करके और अधिक व्यापक किया गया है। अब पोल्ट्री, फिशरीज, वानिकी, हार्टीकल्चर, पशुपालन, खाद्य एवं अखाद्य तेलों, पशु आहार एवं ग्रामीण शिल्प एवं खेती बाड़ी से जुड़ी गतिविधियों को भी सम्मिलित करते हुए सहकारिता विभाग सहयोग दे रहा है। निश्चित ही इससे सहकारिता की परिधि और उसका दायरा बढ़ा है। हमारे कृषि प्रधान देश में कृषि ऋण ढांचे की महत्ता बहुत अधिक है, इससे गावों और किसानों का काफी लाभ हुआ है। किसानों एवं खेतिहरों के उत्थान व उनके सर्वांगीण विकास के लिए सहकारिता एक बेहतर माध्यम है।

सहकारिता विभाग के अन्तर्गत विशेष रूप से निर्बल वर्ग के किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण, उर्वरक एवं उन्नतशील बीज कृषियन्त्र आदि का वितरण कम दर पर किया जाता है

सहकारिता विभाग के अन्तर्गत विशेष रूप से निर्बल वर्ग के किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण, उर्वरक एवं उन्नतशील बीज कृषियन्त्र आदि का वितरण कम दर पर किया जाता है। कृषकों को फसल उगाने एवं उनकी आय में वृद्धि करने के लिए सहकारी साख का त्रिस्तरीय ढाँचा है, जिसमें प्रदेश स्तर पर उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक लि0 लखनऊ, जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंक और न्याय पंचायत स्तर पर 7,479 प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं। इसके साथ ही दीर्घकालीन ऋण वितरण का कार्य भी उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक की कुल 323 शाखाओं के माध्यम से किया जाता है। किसान अपने कृषि कार्यों के लिए सहकारी संस्थाओं से आवश्यकतानुसार ऋण लेकर अपनी खेती बेहतर ढंग से करते हुए अपना विकास करते हैं। किसानों की ऋण वितरण में बहुत सहूलिते दी जाती है। सहकारी संस्थायें किसानों का सम्मान करते हुए उनको ऋण प्रदान करती है। उ0प्र0 सरकार की मंशा है कि किसानों को ऋण प्रदान करने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सहकारिता विभाग के अन्तर्गत सहकारी संस्थायें किसानों की आय वृद्धि हेतु निरन्तर प्रयास कर रही है।

उ0प्र0 में किसानों को प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति के माध्यम से बेहतर ढंग से प्रदान किये जाने की व्यवस्था है

उ0प्र0 में किसानों को प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समिति के माध्यम से बेहतर ढंग से प्रदान किये जाने की व्यवस्था है। इस कार्य के लिए किसान क्रडिट कार्ड योजना लागू की गई है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2018-19 एवं 15 जून, 2019 तक लगभग 18.62 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करते हुए लाभान्वित किया जा रहा हैं।

यू0पी0 कोआपरेटिव बैंक द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए अल्पकालीन ऋण वितरण लगभग 5163.17 करोड़ किया गया, 15 जून, 2019 तक के ऋण वितरण से कुल 15.45 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है।

यू0पी0 कोआपरेटिव बैंक द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए अल्पकालीन ऋण वितरण लगभग 5163.17 करोड़ किया गया, 15 जून, 2019 तक के ऋण वितरण से कुल 15.45 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2018-19 में दीर्घ कालीन ऋण वितरण 15 जून, 2019 तक 119़.61 करोड़ रूपये का वितरित करते हुए किसानों को लाभान्वित किया गया है। सहकारिता विभाग किसानों की आय बढ़ाने के लिए मित्रवत् कार्य करते हुए पूरा सहयोग दे रहा है। किसानों को इससे लाभ भी हो रहा है। 

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