मनसे प्रमुख ने प्रवासियों पर उगली आग-कोरोना के लिए ठहराया जिम्मेदार
मनसे प्रमुख ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर प्रवासियों को जिम्मेदार ठहरा डाला है
मुंबई। कोरोना का संक्रमण राज्य में तेजी के साथ आगे बढ़ते हुए भले ही लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा हो, मगर राजनीतिज्ञ इस मौके पर भी अपना जहर उगलने से बाज नहीं आ रहे है। मनसे प्रमुख ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर प्रवासियों को जिम्मेदार ठहरा डाला है।
दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय पूरी तरह से हाशिए पर चल रहे स्व. बाला साहेब ठाकरे के भतीजे एवं मनसे प्रमुख राज ठाकरे राज्य में दोबारा से अपने पैर जमाने को प्रवासियों विशेषकर उत्तर भारतीय लोगों को अपने निशाने पर रखे हुए है। समय-समय पर उत्तर भारतीयों के खिलाफ वह भड़काऊ बयान देते रहे हैं। मंगलवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने फिर से उत्तर भारतीय लोगों के खिलाफ आग उगलते हुए राज्य के भीतर बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर प्रवासियों को जिम्मेदार ठहरा डाला। राज ठाकरे ने कहा है कि प्रवासियों के आने और जाने पर कोई नियंत्रण नहीं है और इन्हीं लोगों की वजह से स्थानीय मराठियों को लाॅकडाउन जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा और काम धंधा छोड़ कर घर बैठना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले लाॅकडाउन के दौरान जब बड़ी संख्या में प्रवासी अपने प्रदेशों को चले गए थे तो उन्होंने सलाह दी थी कि अब जब कभी भी वे लौटेंगे तो उनके रजिस्ट्रेशन और जांच किए जाने की आवश्यकता है। मगर सरकार ने मेरी बात को नजरअंदाज कर दिया। आगे भी इसी तरह आज कोरोना है तो कल कोई और दूसरा वायरस राज्य के भीतर होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2007 से मनसे प्रमुख राज ठाकरे प्रवासियों के खिलाफ जहर उगलने वाले बयान देते रहे हैं। वह उत्तर भारतीयों पर मराठियों की नौकरी छीनने और राज्य की दूसरी समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। हालांकि वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी हुआ था। लेकिन इसके बाद वर्ष 2014 और 2019 के चुनाव में उनकी पार्टी स्थानीय लोगों के साथ प्रवासियों का समर्थन हासिल नहीं कर सकी और बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई। राज ठाकरे के ताजा बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख संजय निरूपम ने कहा है कि मनसे प्रमुख को इस तरह की नौटंकी से दूर रहना चाहिए।