मैं CDO बोल रहा हूं- घर के लिए किसी ने रिश्वत तो नहीं ली? ली है सर...

सीडीओ गौरव कुमार ने विकासखंड के अधिकारियों को दलाल से 5000 रुपए लाभार्थी सुशीला को वापस कराने के लिए कहा।

Update: 2023-05-07 06:46 GMT

प्रयागराज। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले मकान की स्वीकृति दिलाने की एवज में लाभार्थी से 5000 रुपए की धनराशि वसूल कर ली। भ्रष्टाचार के इस मामले की जानकारी मिलते ही सीडीओ द्वारा विकासखंड अफसरों को हडकाए जाने पर लाभार्थी के पैसे वापिस उस तक पहुंच गए।

दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए मकान निर्माण के लाभार्थियों से सीडीओ प्रयागराज गौरव कुमार खुद मोबाइल से फोन कर उनसे मकान स्वीकृति के बदले किसी के द्वारा रिश्वत लिए जाने की जानकारी प्राप्त कर रहे थे। विकासखंड क्षेत्र के गांव तारडीह की रहने वाली सुशीला देवी का मकान विकासखंड अफसरों द्वारा निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया हैं। सीडीओ गौरव कुमार ने फूलपुर तहसील के तारडीह गांव की रहने वाली लाभार्थी सुशीला देवी से जानकारी प्राप्त करने के लिए मोबाइल घुमाया और कॉल करके बताया कि मैं सीडीओ प्रयागराज बोल रहा हूं।

क्या आप सुशीला देवी बोल रही है? दूसरी तरफ से जवाब आता है जी हां मैं सुशीला ही हूं। सीडीओ पूछते है कि आप यह बताएं कि आपको आवास की राशि मिल गई है? क्या किसी ने आपसे कोई घूंस तो नहीं मांगी थी? सुशीला बताती है कि सर गांव के ही एक युवक ने आवास दिलाने की एवज में उससे 5 हजार रुपए लिए थे। इस फोन कॉल के कटते ही सीडीओ गौरव कुमार ने विकासखंड के अधिकारियों को दलाल से 5000 रुपए लाभार्थी सुशीला को वापस कराने के लिए कहा।

तकरीबन 2 घंटे बाद संबंधित विकासखंड अफसर ने सीडीओ को फोन कर कॉल करके बताया कि सर सुशीला को 5 हजार रुपए वापस कर दिए गए हैं। वर्ष 2018 बैच के आईएएस अफसर सीडीओ गौरव कुमार की इस सजगता के चलते भले ही लाभार्थी सुशीला देवी के घूंस के रूप में लिए गए रुपए वापस हो गए हैं, लेकिन इस मामले से अब इतना साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए मकानों की एवज में लाभार्थियों से घूसखोरी के काम को अंजाम दिया जा रहा है।

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