पत्रकारिता राष्ट्र के लिए एक पवित्र मिशन है : उपराष्ट्रपति

पत्रकारों के लिए एक आचार संहिता तैयार करने के लिए मीडिया संस्‍थानों से आह्वान

Update: 2019-11-17 01:25 GMT
The Vice President, M. Venkaiah Naidu at an event organised by Press Council of India on the occasion of National Press Day, in New Delhi on 16 November, 2019. The Union Minister for Environment, Forest & Climate Change, Information & Broadcasting and Heavy Industries and Public Enterprise, Prakash Javadekar and other dignitaries are also seen.


समाचार पत्र और टीवी चैनल स्थापित करने वाले व्यवसायी एवं राजनेता अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं 


विकास समाचारों को अधिक से अधिक जगह देने के लिए मीडिया संस्‍थानों से अपील

नई दिल्ली उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने आज मीडिया से आग्रह किया कि खबरों को विचारों के रंग में नहीं रंगना चाहिए। उन्‍होंने वस्‍तुनिष्‍ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्‍होंने कहा, 'न्यूजरूम की निष्पक्षता और पवित्रता को हर हाल में बरकरार रखा जाना चाहिए।'


लोगों को सशक्त बनाने में उत्कृष्ट भूमिका निभा रहा प्रेस


उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर  नई दिल्ली में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि पाठकों और दर्शकों के लिए निष्‍पक्ष, वस्‍तुनिष्‍ठ, सटीक और संतुलित सूचना प्रस्‍तुत करने के लिए पत्रकारों को पत्रकारिता के मौलिक सिद्धांत को ध्‍यान में रखते हुए द्वारपाल की भूमिका निभानी चाहिए।

समाचार में वस्‍तुनिष्‍ठता, निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखने पर जोर

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह 'फर्जी समाचार' के मामले आने के बाद और सोशल मीडिया पर जबरदस्‍त प्रभाव पैदा करने के बाद वर्तमान समय में यह कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्‍होंने कहा कि सनसनीखेज, पक्षपाती कवरेज और पेड न्यूज मीडिया आधुनिक चलन बन गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में राय देने वाली रिपोर्टिंग को व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग नहीं कहा जा सकता है।

 नायडू ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की कि व्यापारिक समूह और यहां तक ​​कि राजनीतिक दल अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए समाचार पत्र और टीवी चैनल स्थापित कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा, 'इससे पत्रकारिता के मूल उद्देश्‍य खत्‍म हो रहे हैं।'

स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को अविभाज्य नहीं माना जा सकता

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को अविभाज्य नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को न केवल लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए प्रहरी के रूप में काम करना चाहिए बल्कि उसे दलित वर्ग के सच्चे चैंपियन के रूप में भी काम करना चाहिए। उसे समाज को त्रस्त करने वाली बीमारियों से लड़ाई के मोर्चे पर होना चाहिए।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वषों में मीडिया परिदृश्य वर्षों में नाटकीय बदलाव आया है और यही पत्रकारिता के मूल्य है। पहले पत्रकारिता को राष्ट्र की सेवा के लिए एक मिशन माना जाता था। वर्तमान स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने पीसीआई जैसे पत्रकार संस्‍थाओं को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करने की आवश्‍यकता है।

 नायडू ने कहा कि मीडिया संस्‍थानों को पत्रकारों के लिए आचार संहिता तैयार करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र की रक्षा करने और समाज के बड़े भलाई के लिए पत्रकारिता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के मद्देनजर हमें इस महत्वपूर्ण चौथे स्तंभ को मजबूत करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सच्चाई से कभी समझौता नहीं किया जाता है।'

यह देखते हुए कि मोबाइल फोन सूचनाओं को साझा करने के तरीके में क्रांति ला रहे हैं, उन्होंने कहा कि हर स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता एक संभावित पत्रकार बन गया है। उन्‍होंने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है, इंटरनेट और मोबाइल टेलीफोनी ने सूचना की उपलब्धता का लोकतांत्रिकरण किया है। हालांकि सूचना की चमक भी नकली समाचार और नकली कहानी गढ़ रही है।' उन्होंने चेताते हुए कहा, 'पत्रकारों को इस तरह की खबरों और नकली आख्यानों से बचना चाहिए क्योंकि उनका इस्‍तेमाल निहित स्वार्थों को पूरा करने के लिए हमारे बहुलवादी समाज में विघटन और विभाजन पैदा करने में किया जा सकता है।'

उपराष्ट्रपति ने मीडिया से कृषि जैसे विकास समाचार एवं महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को समाचार में अधिक से अधिक स्थान प्रदान करने की अपील की।


उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि केवल कानून बनाने से अपेक्षित परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। उन्होंने मीडिया से आह्वान किया कि वह भ्रष्टाचार और लैंगिक एवं जातिगत भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करने की आवश्यकता पर जनता की राय बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाए। उन्‍होंने कहा, 'हमने स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने में मीडिया द्वारा बनाए गए सकारात्मक प्रभाव को देखा है।

कश्मीर पर दुनिया के लिए सही तथ्यों को उजागर के लिए भारतीय पत्रकार समुदाय अपील

उपराष्‍ट्रपति ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में बात करते हुए कहा कि यह केवल एक अस्थायी प्रावधान था जिसे संसद ने भारी बहुमत से हटा दिया। उन्होंने भारतीय पत्रकार समुदाय से कश्मीर के बारे में दुनिया को सही तथ्य बताने की अपील की।

पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2019' के विजेताओं को पुरस्‍कार

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने पत्रकारिता में उत्‍कृष्‍टता के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 2019 के विभिन्न श्रेणियों के तहत विजेताओं को पुरस्‍कृत किया। जानेमाने पत्रकार श्री गुलाब कोठारी को उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित 'राजा राम मोहन राय पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।

 नायडू ने तीन प्रकाशन भी जारी किए जिनमें 1966 से भारतीय प्रेस परिषद की निर्देशिका, जर्नलिस्टिक कंडक्ट एडिशन-2019 के अद्यतन प्रावधान और एक स्मारिका 'रिपोर्टिंग- इंटरप्रिटेशन- अ जर्नी' शामिल हैं।


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इस अवसर पर उपस्थित गणमान्‍य व्‍यक्तियों में केंद्रीय मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर, पीसीआई के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमौली कुमार प्रसाद, जूरी समिति के संयोजक एवं पीसीआई के सदस्य  जयशंकर गुप्ता और पीसीआई की सचिव  अनुपमा भटनागर शामिल थे। इस आयोजन में बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे विभिन्न विदेशी देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

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