भारत को और अधिक स्वस्थ बनाने के लिए अगला दशक समर्पित करें : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने राजमुंदरी (राजामहेन्द्रवर्मन) में डेल्टा अस्पतालों का उद्घाटन किया

Update: 2019-12-26 11:29 GMT
The Vice President, M. Venkaiah Naidu at the inauguration of the Delta Hospitals, in Rajahmundry, Andhra Pradesh on December 26, 2019

स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दें और स्वास्थ्य देखभाल को किफायती एवं सभी के लिए सुलभ बनाएं : उपराष्ट्रपति

बढ़ती गैर-संक्रामक बीमारियों के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन शुरु करने का आह्वान किया

गैर-संक्रामक बीमारियों के बारे में लोगों और खासकर युवाओं को जागरूक बनाने में अस्पतालों और डॉक्टरों को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया

उपराष्ट्रपति ने चिकित्सकों से अपने पेशे को सेवा मानने और इसे व्यावसायिक नहीं समझने का आग्रह किया

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि अगला दशक (2020-2030) भारत को और अधिक स्वस्थ बनाने के लिए समर्पित किया जाना चाहिए। इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाया जाना चाहिए तथा चिकित्सा देखभाल को किफायती तथा सभी के लिए सुलभ बनाया जाना चाहिए।

राजमुंदरी में आज डेल्टा अस्पतालों का उद्घाटन करते हुए उन्होंने बढ़ती गैर-संक्रामक बीमारियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव इसका प्रमुख कारण है। इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अभ्यासों को अपनाना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 61 प्रतिशत मृत्यु गैर-संक्रामक बीमारियों से होती है। इनमें हृदय से जुड़ी बीमारियां, कैंसर और मधुमेह शामिल है।

उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि गैर-संक्रामक बीमारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक राष्ट्रीय आंदोलन की शुरूआत की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों, चिकित्सा से जुड़े लोगों तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को लोगों खासकर युवाओं के बीच गैर-संक्रामक बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ानी चाहिए। युवाओं और बच्चों को अस्वस्थ खानपान की आदतें तथा खराब जीवनशैली के नुकसान से अवगत कराना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्कूली छात्रों को चुस्त-दुरुस्त व स्वस्थ रहने के लिए कम से कम एक शारीरिक गतिविधि एवं खेल या योग में प्रतिदिन भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि सार्वभौमिक चिकित्सा देखभाल के सामने कई चुनौतियां हैं। इनमें शहरी-ग्रामीण अंतर शामिल है। निजी क्षेत्र को ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करनी चाहिए और लोगों को किफायती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

नायडू ने कहा कि भारत सरकार ने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती चिकित्सा देखभाल के लिए आयुष्मान भारत जैसे कई कार्यक्रमों की शुरुआत की है। 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपराष्ट्रपति ने 2030 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र को सहयोग देने का आह्वान किया।

नायडू ने कहा कि चिकित्सकों को मरीजों के प्रति करुणा दिखानी चाहिए। भारतीय संस्कृति में चिकित्सकों और शिक्षकों बहुत सम्मान दिया जाता है। चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए पूरी दुनिया के सर्वोत्तम अभ्यासों को अपनाना चाहिए।

इस अवसर पर संसद सदस्य  भरत राम, डेल्टा हॉस्पिटल्स के चैयरमेन और प्रबंध निदेशक डॉ. आर.बी.पी.आर चौधरी डेल्टा हॉस्पिटल्स के निदेशक  बी श्रीनिवास और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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