विदेश से टीका खरीदना 'ऑफ द शेल्फ' वस्तु खरीदने जैसा नहीं: केंद्र

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीके खरीदना 'ऑफ द शेल्फ' वस्तु खरीदने के समान नहीं है।

Update: 2021-05-27 10:23 GMT

नई दिल्ली। देश विदेशी कोरोना टीकों की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे हमलों के बीच केंद्र सरकार ने आज कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीके खरीदना 'ऑफ द शेल्फ' वस्तु खरीदने के समान नहीं है।

नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) और कोविड-19 (एनईजीवीएसी) के लिए वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ. विनोद पॉल ने कोरोना टीकाकरण के मिथकों से जुड़े झूठ को ख़ारिज करते हुए कहा कि केंद्र 2020 के मध्य से ही सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है। फाइजर, जेएंडजे और मॉडर्ना के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में उनके टीकों की आपूर्ति और/अथवा इन्हें बनाने के लिए सभी प्रकार की सहायता की पेशकश की है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि उनके टीके निःशुल्क रूप से आपूर्ति के लिए उपलब्ध हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीके खरीदना 'ऑफ द शेल्फ' वस्तु खरीदने के समान नहीं है।

उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर टीके सीमित आपूर्ति में हैं, और सीमित स्टॉक को आवंटित करने में कंपनियों की अपनी प्राथमिकताएं, योजनाएं और मजबूरियां हैं। वे अपने मूल देशों को भी प्राथमिकता देती हैं जैसे हमारे अपने वैक्सीन निर्माताओं ने हमारे लिए बिना किसी संकोच के किया है। फाइजर ने जैसे ही वैक्सीन की उपलब्धता का संकेत दिया, इसके बाद से ही केंद्र सरकार और कंपनी वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात के लिए मिलकर कार्य कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, स्पूतनिक वैक्सीन परीक्षणों में तेजी आई और समय पर अनुमोदन के साथ, रूस ने हमारी कंपनियों को टीके की दो किश्तें भेजते हुए निपुण तकनीक-हस्तांतरण पहले ही कर दी हैं और अब बहुत जल्द ही ये कंपनियां इसका निर्माण भी शुरू कर देंगी। हम सभी अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं से भारत में आने और भारत और दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने के अपने अनुरोध को दोहराते हैं।

वार्ता

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