बड़ा ऐलान-MSP पर समिति, पराली जलाना अब नहीं रहा अपराध

किसान अब बड़े मन का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री की घोषणा का आदर करें और आंदोलन का रास्ता छोड़कर अपने अपने घर लौटना सुनिश्चित करें।

Update: 2021-11-27 12:32 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक नए कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पराली जलाना अब देशभर में अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। एमएसपी समेत अन्य मुददों को लेकर समिति गठित की जायेगी। किसान अब बड़े मन का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री की घोषणा का आदर करें और आंदोलन का रास्ता छोड़कर अपने अपने घर लौटना सुनिश्चित करें।

शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने घोषणा करते हुए बताया है कि पराली जलाना अब देश में अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। किसान संगठनों की ओर से की गई मांग के मुताबिक सरकार की ओर से अब पराली जलाना अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। नए कृषि कानूनों की वापसी की तरह सरकार की ओर से किसानों की यह मांग भी मान ली गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसान संगठनों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा है कि नए कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया प्रधानमंत्री की घोषणा के मुताबिक शुरू कर दी गई है। इसलिए अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है। अब किसानों को बड़े मन का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री की घोषणा का आदर कर अपने अपने घरों को लौटना सुनिश्चित करना चाहिए। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बाबत तैयार किए गए विधेयक को सूचीबद्ध कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बाद मंत्रिमंडल ने भी इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार की ओर से किसानों की समस्याओं के निवारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के गठन पर किसानों की एमएसपी संबंधित मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने कहा है कि एमएसपी में पारदर्शिता, जीरो बजट खेती, और फसल विविधीकरण लाने के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है। इस समिति में किसान प्रतिनिधि होंगे। कृषि मंत्री ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के ऊपर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिए जाने और उन्हें मुआवजा दिए जाने का अधिकार राज्य सरकारों का है। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में राज्य सरकारें मुकदमों की गंभीरता को देखते हुए अपने-अपने राज्य की नीति के अनुसार निर्णय ले सकती हैं।

Tags:    

Similar News