कोरोना के खिलाफ जंग-मिल रहा एक और हथियार-स्पूतनिक वी 1 मई को
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ कोविशील्ड और को-वैक्सीन नामक वैक्सीन के दो हथियारों के माध्यम से जंग जारी है
नई दिल्ली। देशभर में चल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के खिलाफ कोविशील्ड और को-वैक्सीन नामक वैक्सीन के दो हथियारों के माध्यम से जंग जारी है। सरकार की तरफ से मई माह से कोरोना टीकाकरण की रफ्तार को तेज करने की तैयारियां चल रही है। इस बीच भारत के टीकाकरण अभियान में एक और वैक्सीन जुड़ने जा रही है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि आगामी 1 मई को स्पूतनिक-वी वैक्सीन की पहली खेप भारत आ जाएगी। गौरतलब है कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन को गमालिया नेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष आरडीआईएफ के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि भारत को 1 मई को रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप मिल सकती है। आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की पहली खेप 1 मई को डिलीवर की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूसी वैक्सीन की आपूर्ति भारत को कोरोना वायरस की महामारी की दूसरी लहर से बाहर निकालने में मदद करेगी। गौरतलब है कि शुरुआत में इस रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी की क्षमता पर बहुत सारे सवाल खड़े किए गए थे। मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डाटा को दा लेसेंट में प्रकाशित किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सुरक्षित और कारगर बताया गया। दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके स्पूतनिक वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत पर प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया है।