धर्मेन्‍द्र प्रधान ने 10वें सिटी गैस वितरण बोली राउंड के कार्य का शुभारंभ किया

भारत विश्‍व में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा का उपभोक्‍ता है और यह एक दशक में सबसे बड़ा उपभोक्‍ता बन जायेगा।

Update: 2019-08-26 11:18 GMT

नई दिल्ली । पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्‍पात मंत्री  धर्मेन्‍द्र प्रधान ने आज 10वें सिटी गैस वितरण (सीजीडी) बोली राउंड के कार्य का शुभारंभ किया।




 



इसमें 124 जिलों के 50 भौगालिक क्षेत्र शामिल होंगे। प्रधान ने 1 मार्च, 2019 को इस राउंड के 12 सफल बोलीदाताओं को आशय-पत्र वितरित किये थे। 10वें राउंड के पूरा होने के बाद देश की 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्‍या और 52.73 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र सीजीडी के तहत आ जायेगा। पीएनजीआरजी द्वारा 10वें राउंड के लिए अनुमोदित न्‍यूनतम कार्यक्रम के अनुसार 2.02 करोड़ पीएनजी घरेलू कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराये जायेंगे।




 



इस अवसर पर  प्रधान ने कहा कि 9वें और 10वें राउंड की समाप्ति के बाद देश ने सीजीडी में लंबी छलांग लगाई है। पिछले पांच वर्षों के दौरान पीएनजी कनेक्‍शनों, सीएनजी वाहनों तथा सीएनजी स्‍टेशनों की संख्‍या दोगुने से भी अधिक हो गई है। भारत विश्‍व में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा का उपभोक्‍ता है और यह एक दशक में सबसे बड़ा उपभोक्‍ता बन जायेगा। सरकार का उद्देश्‍य सभी को स्‍वच्‍छ ईंधन की विश्‍वसनीय, सस्‍ती, टिकाऊ और वैश्विक पहुंच उपलब्‍ध कराना है। देश में ऊर्जा मिश्रण में गैस की वर्तमान हिस्‍सेदारी 6.2 प्रतिशत है। 2030 तक प्राकृतिक गैस की हिस्‍सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्‍य है।





 



 प्रधान ने कहा कि देश में ऊर्जा की बढ़ती हुई खपत के कारण सीएनजी की हिस्‍सेदारी में सबसे अधिक वृद्धि होगी। हाईड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन पहले ही राष्‍ट्रीय राजधानी में प्रस्‍तुत किये जा चुके हैं और अनेक ऑटों निर्माता ने नये सीएनजी मॉडल पेश किये हैं। यहां तक कि कोयला भी प्रासांगिक बना रहेगा, क्‍योंकि कोयला गैसीकरण संयंत्र स्‍थापित किये जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि गैस बुनियादी ढांचे में पांच लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। जिसमें, अन्‍वेषण वितरण, पुन:गैसीकरण, पाइपलाईन नेटवर्क बिछाना शामिल है। घरेलू गैस उत्‍पादन 2018-19 में 32.87 बिलियन क्‍यूबिक मीटर था, जिसके 2020-21 तक बढ़कर 39.3 बिलियन क्‍यूबिक मीटर हो जाने का अनुमान है। अगले तीन-चार वर्षों में एलएनजी टर्मिनल क्षमता मौजूदा 38.8 एमएमटीपीए से बढ़कर 52.5 एमएमटीपीए हो जाने की उम्‍मीद है। गैस ग्रिड मौजूदा 16788 किलोमीटर है, इसमें 14788 अतिरिक्‍त किलोमीटर जोड़ने का काम प्रगति पर है।




 प्रधान ने कहा कि उपयुक्‍त माहौल बनाया जा रहा है और देश की प्रगति, आयात-निर्भरता कम करने, किसानों को ऊर्जादाता बनाने के लिए साहसिक नीतिगत निर्णय लिये जा रहे हैं। बॉयो डीजल को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए रि-साईकल प्रयुक्‍त कुकिंग ऑयल को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि गैस बुनियादी ढांचा स्‍थापित करने से संबंधित मुद्दों का राज्‍य सरकारों के परामर्श से समाधान किया जा रहा है। उन्‍होंने संरक्षण और दक्षता पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि नये पीएनजी बर्नलों से रेट्रोफिटेड बर्नरों की तुलना में 40 प्रतिशत तक बचत की जा सकती है।          

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