वज्रपात से घायल व्यक्ति को तत्काल ले जायें प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र -जी0एस0 प्रियदर्शी

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने बताया राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि सभी लोग वज्रपात के समय दी गयी सलाह का पालन करें। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि वज्रपात के समय यदि आप खुले में हों तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें, सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें, खिड़कियां, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहें, ऐसी वस्तुएं जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूरी बनाए रखें।

Update: 2019-07-25 14:05 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने वज्रपात से होने वाली जन-धन की हानि से बचाव के दृष्टिगत आमजन को जागरूक रहनेे की सलाह दी हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण द्वारा वज्रपात से बचाव हेतु सुरक्षा के उपाय तथा इससे संबंधित एडवाइजरी जारी की गयी है।

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी के अनुसार प्रदेश में आंधी-पानी के साथ वज्रपात की काफी घटनायें घटित हो रही हैं। वज्रपात से कई लोगों के मरने तथा घायल होने की सूचनाएं सामने आती हैं। इसके लिए आवश्यक है कि वज्रपात से बचने के लिए थोड़ी सावधानी बरतीं जाए।

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने बताया राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि सभी लोग वज्रपात के समय दी गयी सलाह का पालन करें। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि वज्रपात के समय यदि आप खुले में हों तो शीघ्रातिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें, सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें, खिड़कियां, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहें, ऐसी वस्तुएं जो बिजली की सुचालक हैं, उनसे दूरी बनाए रखें।

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने बताया कि बिजली के उपकरणों या तार के साथ सम्पर्क से बचें तथा बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें। तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाये रखें, समूह में न खड़े होकर अलग-अलग खड़े रहें, यदि जंगल में हों, तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें, बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।

उन्होंने सलाह दी कि बाइक, बिजली या टेलीफोन का खम्भा, तार की बाड़ मशीन आदि से लोग दूर रहें। धातु से बने कृषि यंत्र आदि से अपने को दूर रखें। आसमानी बिजली के झटके से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। स्थानीय रेडियो अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें, यदि लोग खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान पर न जा पायें हों तो जहां हैं वहीं रहें। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों से कानों को बंद कर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटाएं, जमीन पर कदापि न लेटें।

सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त जी0एस0 प्रियदर्शी ने यह भी लोगों को सलाह दी है कि ऊंचे इमारत वाले क्षेत्रों में तथा बिजली व टेलीफोन के खम्भों के नीचे कदापि शरण न लें, क्योंकि ऊंचे वृक्ष ऊंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खम्भे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें। यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं। वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात है। उन्होंने बताया कि अगर जरूरी हो तो ''संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा'' प्रारम्भ कर दें। ''संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा''  से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो, तथा यह भी सुनिश्चित कर लें कि पीड़ित की नाड़ी एवं श्वास चल रही है।

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