सुरक्षित घर और सुरक्षित पड़ोस बनाने की आवश्यकता : स्मृति जुबिन इरानी

महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी फेसबुक द्वारा आयोजित दूसरे दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन में प्रमुख भाषण दे रही थीं

Update: 2019-11-19 13:22 GMT
The Union Minister for Women & Child Development and Textiles, Smriti Irani addressing the South Asia Safety Summit, hosted by FACEBOOK and INSTAGRAM, in New Delhi on November 19, 2019

नई दिल्ली केंद्रीय महिला और बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री  स्मृति जुबिन इरानी ने कहा है कि महिलाओं और बच्चों को हिंसा और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए उनके घरों और पड़ोस में सुरक्षा सुनिश्चित करना तात्कालिक आवश्यकता है।




 



महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी आज नई दिल्ली में महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा फेसबुक द्वारा आयोजित दूसरे दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन में प्रमुख भाषण दे रही थीं।




 


महिला और बाल विकास मंत्री ने एनसीआरबी के 2017 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि महिलाओं के विरूद्ध दर्ज अपराध के तीन लाख मामलों में अपराधी पति और संबंधी थे। इसलिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का विषय घर के नजदीक होता है। उन्होंने बताया कि एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार 42 प्रतिशत पुरुष घरेलू हिंसा को उचित बताते हैं और 62 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का समर्थन करती हैं।




 


दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य सुरक्षा के विषय को प्रमुखता से उठाना है जबकि व्यक्ति और समुदाय डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े हुए हैं। शिखर सम्मेलन में 125 सिविल सोसाइटी संगठन, महिला अधिकार समूह, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ तथा शिक्षाविद लैंगिग समस्या तथा जनसंचार पर विचार कर रहे हैं। इस सम्मेलन में सुरक्षा व्यवहारकर्ता, मानसिक स्वास्थ्य तथा आत्महत्या निरोधक संगठन, दिव्यांगजन अधिकार समूह भाग ले रहे हैं जिन्हें डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को चलाने तथा युवाओं के सामाजिक भावनात्मक विकास के लिए टूल बनाने का अनुभव प्राप्त है।

महिला और बाल विकास मंत्री ने बताया कि स्थानीय क्षेत्र में महिलाओं की आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप सेंटर जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि देश में प्रत्येक महीने 10 वन-स्टॉप सेंटर खुल रहे हैं और इस वर्ष के अंत तक प्रत्येक जिले में एक वन-स्टॉप सेंटर होगा। उन्होंने बताया कि भारत के प्रत्येक जिले में तस्करी विरोधी इकाइयां होंगी। पहली बाहर सरकार द्वारा यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि थानों तक महिलाओं और बच्चों की पहुंच को सहज बनाने के लिए देश के प्रत्येक थाने में महिला सहायता डेस्क स्थापित किया जा रहा है क्योंकि अपनी सुरक्षा और जीवन को खतरा मानते हुए महिलाएं जब कभी संकट से घिरी होती हैं वे पहले थाना पहुंचती हैं। उन्होंने बताया कि महिला और बाल विकास मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के सहयोग से साइबर अपराध पोर्टल लॉन्च किया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय इस पोर्टल को मजबूत बनाने में सहायता दे रहा है ताकि महिलाएं साइबर धमकी, ऑनलाइन शर्मनाक हरकतों तथा ऑनलाइन धमकियों की शिकायतें दर्ज करने में सक्षम हो सकें।

महिला और बाल विकास मंत्री ने बताया कि उनका मंत्रालय भारत में सभी यौन अपराधियों की डिजिटल सूची बना रहा है ताकि न्योक्ताओं को जब कभी जरूरत हो कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच सकें।

उन्होंने डिजिटल प्लेटफार्मों से भाषाय़ी और सांस्कृतिक पहलुओं को देखने और दिव्यांग महिलाओं और बच्चों के मामलें में विशेष ध्यान देने का अनुरोध किया।

 स्मृति जुबिन इरानी ने "वी थिंक डिजिटल" वेबसाइट लॉन्च की। यह वेबसाइट एक ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल है और इसका उद्देश्य लोगों को गंभीरता से सोचने और ऑनलाइन विचार साझा करने में मदद देना है।

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