भारत की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट,राहतों का पिटारा खुलने की उम्मीद
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार सुबह 11 बजे पेश करेंगी। इसके लिए सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री कुछ देर पहले संसद भवन पहुंचे। इस बार पुरानी परंपराओं को बदलते हुए बजट के दस्तावेजों को ब्रीफकेस में नहीं रखा है, बल्कि इसे एक लाल रंग की फाइल में रखा है। बजट के दस्तावेज लाल रंग के कपड़े से फोल्ड की गई फाइल में है। इस पर अशोक चिन्ह भी दिख रहा है।
2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी
बजट पेश करने के लिए संसद भवन पहुंचने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे। इस बार नौकरीपेशा लोगों के लिए महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी।
मोदी सरकार ने पुरानी परंपरा को बदला
इस बार मोदी सरकार ने पुरानी परंपरा को बदल दिया है और नए कार्यकाल में बजट के दस्तावेजों को ब्रीफकेस में नहीं रखा है, बल्कि इसे एक लाल रंग की फाइल में रखा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने जो तस्वीर जारी की है, उसके मुताबिक बजट के दस्तावेज लाल रंग के कपड़े से फोल्ड कई गई फाइल में है। इस बार ब्रीफकेस नहीं है। इस पर अशोक चिन्ह भी दिख रहा है।
किसानों को इस बार आम बजट के पिटारे से कई सौगातें मिल सकती हैं
किसानों को इस बार आम बजट के पिटारे से कई सौगातें मिल सकती हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पर एक लाख तक कर्ज को ब्याज मुक्त किया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड का दायरा बढ़ाते हुए किसानों के अलावा मछुआरों, पशुपालकों को देने की व्यवस्था हो सकती है। गिरते भूजल को देखते हुए बजट में सिंचाई परियोजनाओं के लिए धन आवंटन बढ़ाया जा सकता है।
नौकरीपेशा के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है
नौकरीपेशा के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी।
स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिये उनके लिये कर नीति को और युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव किये जाने की उम्मीद है। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त मंत्री निवेश आकर्षित करने के इरादे से नियमों को उदार बनाने के प्रस्ताव कर सकती हैं।
ज्ञात हो कि पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बजट में नरेंद्र मोदी सरकार मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दे सकती है
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बजट में नरेंद्र मोदी सरकार मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दे सकती है. इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. इसके अलावा 5 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी का टैक्स स्लैब का ऐलान संभव है. इसके अलावा सरकार कई तोहफें दे सकती है. निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये का ऐलान संभव है. होमलोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये संभव है. समय पर बैंकों को कर्ज लौटाने वाले किसानों को तोहफा देने का ऐलान हो सकता है. छोटे और सीमांत किसानों को 60 साल के आयु के बाद 3000 रुपये पेंशन देने की योजना के लिए विशेष फंड का ऐलान हो सकता है. जल संरक्षण और सिंचाई के लिए विशेष घोषणाएं संभव हैं.
राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से टैक्स लगाया जा सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त मंत्री निवेश आकर्षित करने के इरादे से नियमों को उदार बनाने के प्रस्ताव कर सकती हैं। सरकार के समक्ष एक तरफ राजकोषीय स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत होगी तो दूसरी तरफ चुनावों में जनता से किये गये वादों को पूरा करने की दिशा में पहल करनी होगी।
विशेषज्ञों के अनुसार बजट में सरकार खाद्य सब्सिडी को सीमित करने के लिये कदम उठा सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार बजट में सरकार खाद्य सब्सिडी को सीमित करने के लिये कदम उठा सकती है। इसके साथ रोजगार सृजित करने वाली नई इकाइयों को प्रोत्साहित करने और केवल वित्तीय सहायता के लिये काम कर रही छोटी इकाइयों को हतोत्साहित करने के लिये कदम उठाया जा सकता है।
बजट में अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों द्वारा शुरू किये गये उद्यमों को सहायता प्रदान की भी पहल कर सकती हैं
बजट में अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों द्वारा शुरू किये गये उद्यमों को सहायता प्रदान की भी पहल कर सकती हैं। आम चुनावों के लिये जारी घोषणापत्र में भाजपा ने इसका वादा किया था।