दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे डासना-हापुड़ खंड का उद्घाटन

दिल्ली-मेरठ राजमार्ग क्षेत्र में समृद्धि लाएगा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से भीड़-भाड़ कम करने में मदद करेगा।

Update: 2019-10-01 02:28 GMT
The Union Minister for Road Transport & Highways and Micro, Small & Medium Enterprises,Nitin Gadkari inaugurating the Delhi-Meerut Expressway (Pkg III) – 6 laning of Dasna-Hapur Section, at Ghaziabad, Uttar Pradesh on September 30, 2019. The Minister of State for Road Transport and Highways, General (Retd.) V.K. Singh, the Deputy Chief Minister, Uttar Pradesh, Keshav Prasad Maurya and other dignitaries are also seen.

नितिन गडकरी ने डासना-हापुड़ खंड का उद्घाटन किया

कहा कि समूचा दिल्‍ली-मेरठ एक्‍सप्रेसवे छह महीने के भीतर तैयार हो जाएगा

राष्‍ट्रीय राजमार्ग निर्माण में प्‍लास्टिक कचरे के इस्‍तेमाल की शुरूआत की



नई दिल्ली । केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (पैकेज -3) के डासना-हापुड़ खंड का  उद्घाटन किया।





 




इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री (सेवानिवृत्त) वी के सिंह, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  केशव चंद्र मौर्य, लोकसभा सदस्य  राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य  अनिल अग्रवाल और कई विधायक उपस्थित थे।




 



इस अवसर पर  गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग क्षेत्र में समृद्धि लाएगा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से भीड़-भाड़ कम करने में मदद करेगा। इसके बन जाने से यात्रा समय में 1 घंटे से अधिक की कमी आएगी और प्रदूषण स्तर में महत्वपूर्ण कमी लाएगा। उन्होंने कहा कि राजमार्ग और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का सीधा संबंध किसी क्षेत्र के विकास से है।




 



 गडकरी ने घोषणा की कि इस सड़क (पैकेज 2) का गाजीपुर-डासना खंड को अगले तीन महीनों में पूरा कर लिया जाएगा और पूरा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे छह महीने के भीतर तैयार हो जाएगा।


जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने इतने कम समय में एक मजबूत, चौड़ी और बहुत उपयोगी सड़क को पूरा करने में इंजीनियरों और निर्माण में लगे श्रमिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, सरकार ने एनसीआर के लिए एक महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा विकास योजना शुरू की है, जो पूरे क्षेत्र के विकास परिदृश्य को बदल देगी।

उत्तर प्रदेश की उपमुख्यमंत्री केशव चन्द्र मौर्य ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार राजमार्ग क्षेत्र के समक्ष मौजूद समस्याओं का समाधान निकालने को प्राथमिकता देगी, क्योंकि ये गांवों और उपनगरों में लोगों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ से जोड़ता है। परियोजना पर 8,346 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। गाजियाबाद में डासना से हापुड़ तक तीसरा पैकेज 22 किलोमीटर से अधिक लंबा है। इसकी लागत 1058 करोड़ रुपये है। इस 6-लेन के खंड में दोनों तरफ 2 + 2 लेन की सर्विस रोड हैं, और पिलखुआ में 4.68 किलोमीटर लंबा 6-लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर है। इसमें सात नए पुल, हापुड़ बाईपास पर एक फ्लाईओवर, 11 वाहन अंडरपास, दो पैदल अंडरपास, दो फुट ओवरब्रिज, छह प्रमुख जंक्शन और 105 छोटे जंक्शन हैं।


पिलखुआ में 4.68 किलोमीटर लंबे 6-लेन के एलिवेटेड कॉरिडोर को निर्माण प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया है और इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट ठोस संरचना के रूप में भी पुरस्कृत किया गया है।


दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना चार पैकेजों में कार्यान्वित की जा रही है - (i) दिल्ली में सराय काले खां से गाजीपुर सीमा तक 8.72 किलोमीटर लंबा 6-लेन का एक्सप्रेसवे / 8-लेन एनएच 24, पहले ही जून 2018 में पूरा हो चुका है, (ii) 19.28 किमी लंबा 6-लेन का एक्सप्रेसवे / 8-लेन एनएच 24, उत्तर प्रदेश में गाजीपुर बॉर्डर से डासना तक, (iii) 22.23 किमी लंबा 6-लेन एनएच 24, 2 + 2 लेन सर्विस सड़कों के साथ उत्तर प्रदेश के डासना से हापुड़ तक और (iv) हापुड़ से मेरठ तक 31.78 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सप्रेस-वे।


 नितिन गडकरी ने दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग का भी शुभारंभ किया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय राजमार्ग निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहा है, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों के 50 किलोमीटर की परिधि में राष्ट्रीय राजमार्गों पर जिनकी आबादी 5 लाख या उससे अधिक है। धौला कुआँ के पास हाल ही में NH-48 पर बेकार प्लास्टिक का उपयोग करके सड़क का एक हिस्सा बनाया गया है। दिल्ली - मेरठ एक्सप्रेसवे और गुरुग्राम- सोहना रोड पर प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके निर्माण की योजना बनाई गई है।


प्लास्टिक कचरे का उपयोग पहले ही तमिलनाडु और केरल राज्यों में प्रमुखता के आधार पर किया जा चुका है। 4 लेन के राजमार्ग के 1 किलोमीटर के निर्माण में लगभग 7 टन प्लास्टिक कचरे का निपटान करने में मदद मिल सकती है।


भारत में प्रयोगशाला के साथ-साथ क्षेत्र में किए गए अध्ययन से सड़क निर्माण के लिए बिटुमिनस मिश्रण में प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल के अनेक लाभों की पहचान की गई है; इसमें उच्च प्रतिरोध क्षमता है अधिक समय तक टिकाऊ है और स्थायित्व में सुधार लाता है। यह मिश्रण में बिटुमन की खपत कम कर देता है। बेकार प्लास्टिक को जोड़ने से प्लास्टिक के कूड़े के ढेर पर अंकुश लगाने में काफी मदद मिलेगी, इसके अलावा आने वाले वर्षों में प्लास्टिक कचरे के निपटान में मदद मिलेगी।

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