उपचुनाव-28 सीट पर मैदान में होंगे 355 प्रत्याशी

मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा उपचुनावों के लिए नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 355 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

Update: 2020-10-20 06:04 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा उपचुनावों के लिए नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब 355 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को नाम वापसी के दौरान 35 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिये। नाम वापसी के बाद 355 अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं।

सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक सात प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए, जिसके बाद 15 प्रत्याशी शेष हैं। यहां पर राज्य के परिवहन मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी गोविंद राजपूत का मुख्य मुकाबला कांग्रेस की पारुल साहू के साथ हैं।

नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद जौरा में 15, सुमावली में नौ, मुरैना में 15, दिमनी में 13, अंबाह में 15, मेहगांव में 38, गोहद में 15, ग्वालियर में नौ, ग्वालियर पूर्व में 12, डबरा में 14, भांडेर में 13, करैरा में 13, पोहरी में 13, गुना में 12, अशोकनगर में नौ, मुंगावली में 13, मलेहरा में 19, सांची में 15, आगर में आठ, हाटपिपल्या में 11, मांधाता में आठ, नेपानगर में आठ, बदनावर में तीन, सुवासरा में नौ, अनूपपुर में 12, सांवेर में 13 और ब्यावरा में आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में शेष हैं।

सबसे अधिक 38 प्रत्याशी मेहगांव में और सबसे कम तीन प्रत्याशी बदनावर विधानसभा क्षेत्र में हैं। प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ होने के बाद इन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार अभियान जोर पकड़ेगा। इन सभी क्षेत्रों में मतदान 03 नवंबर को और मतगणना 10 नवंबर को होगी।

राज्य की 28 में से 25 क्षेत्रों में उपचुनाव तत्कालीन विधायकों के त्यागपत्र देने और शेष तीन में तत्कालीन विधायकों के निधन के कारण हो रहे हैं। इन उपचुनावों से राज्य की सरकार का भविष्य तय होगा। कुल 230 सीटों में से वर्तमान में 202 विधायक हैं। इनमें सत्तारूढ़ दल भाजपा के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। कुल 230 विधायक होने की स्थिति में किसी भी दल को सदन में बहुमत साबित करने के लिए न्यूनतम 116 विधायकों की जरुरत है।

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