पचास साल पहले आज ही के दिन पहली बार चांद पर पड़े थे इंसान के कदम

आज से पचास साल पहले आज ही के दिन पहली बार चांद पर इंसान के कदम पड़े थे। नासा ने अपोलो 11 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 20 जुलाई 1969 को अपने अंतरिक्ष यात्रियों नील आर्मस्ट्रांग और एडविन ई एल्ड्रिन जूनियर को चांद की सतह पर उतार कर वहां अमेरिका का झंडा गाड़ दिया। यानी इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया था।

Update: 2019-07-20 11:39 GMT

आज से पचास साल पहले आज ही के दिन पहली बार चांद पर इंसान के कदम पड़े थे। नासा ने अपोलो 11 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 20 जुलाई 1969 को अपने अंतरिक्ष यात्रियों नील आर्मस्ट्रांग और एडविन ई एल्ड्रिन जूनियर को चांद की सतह पर उतार कर वहां अमेरिका का झंडा गाड़ दिया। यानी इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया था।

अपोलो 11 मिशन के तहत अमेरिकी अंतरिक्ष यान ने 16 जुलाई 1969 को फ्लोरिडा से चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी, इआज से पचास साल पहले आज ही के दिन पहली बार चांद पर इंसान के कदम पड़े थे। नासा ने अपोलो 11 मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 20 जुलाई 1969 को अपने अंतरिक्ष यात्रियों नील आर्मस्ट्रांग और एडविन ई एल्ड्रिन जूनियर को चांद की सतह पर उतार कर वहां अमेरिका का झंडा गाड़ दिया। यानी इतिहास के पन्नों में 20 जुलाई की तारीख एक ऐसी घटना के साथ दर्ज है, जिसने चांद को कवियों की कल्पनाओं और रूमानियत के नफीस एहसास से निकालकर हकीकत की पथरीली जमीन पर उतार दिया था।में तीन लोग कमांडर नील आर्मस्ट्रांग कमांड माड्यूल पायलट माइकल कोलिन्स और लूनर माड्यूल पायलट एडविन ई एल्ड्रिन जूनियर सवार थे। इन लोगों को चंद्रमा पर ले जाने वाला ईगल नाम का यान 21 घंटे 31 मिनट तक चंद्रमा की सतह पर रहा। इसके बाद ये यान तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर 24 जुलाई को धरती पर सुरक्षित लौट आया था। अंतरिक्ष यात्री अपने साथ चंद्र चट्टानों की 21.55 किलोग्राम मिट्टी लेकर आए। इस तरह अमेरिका चांद पर मानव भेजने वाला पहला देश बन गया और 20 जुलाई की तारीख अंतरिक्ष इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई।

जानकारों की मानें तो नील आर्मस्ट्रॉंग और एडविन ऑल्ड्रिन ने गलती से उस स्विच को तोड़ दिया था जो उन्हें चंद्रमा से वापस धरती पर सफलतापूर्वक लाने के लिए बेहद जरूरी था, लेकिन ऑल्ड्रिन ने चतुराई दिखाते हुए कलम को उस छेद की जगह टिका दिया जहां स्विच था और इससे अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से उड़ान भरने में कामयाब हो पाया था। यानी अगर वह बाॅलपैन नहीं होता तो इस अभियान का सफल होना नामुमकिन था। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए अपोलो 11 के तीनों अंतरिक्ष यात्री आर्मस्ट्रॉंग, ऑल्ड्रिन और माइकल कॉलिंस के मृत्यु की घोषणा कर दी थी।

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