मंत्री के बेटे के बजाय किसी आम आदमी को क्या इतनी जल्दी मिलती बेल-राकेश

मंत्री के बेटे के बजाय किसी आम आदमी को क्या इतनी जल्दी मिलती बेल-राकेश

लखनऊ। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू को जमानत मिलने के बाद भाकियू के प्रवक्ता ने कहा है कि वह इस बात को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ प्रचारित करेंगे। उन्होंने कहा है कि यदि मंत्री के बेटे के स्थान पर अगर कोई आम आदमी होता तो क्या उसे भी इतनी जल्दी ही जमानत मिल जाती?

बृहस्पतिवार को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछले साल की 3 अक्टूबर दिन रविवार को हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की ओर से जमानत दे दी गई है। उत्तर प्रदेश में हो 18 वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में प्रथम चरण की सीटों के मतदान वाले दिन आशीष मिश्रा मोनू को मिली जमानत को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। राजधानी दिल्ली में तकरीबन 1 साल तक नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन चलाने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे को जमानत दिए जाने की बात को उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ प्रचारित करेंगे। उन्होंने गंभीर मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे को इतनी जल्दी जमानत मिलने की बात कहते हुए कहा है कि कोई आम आदमी होता तो क्या उसे भी इतनी जल्दी बेल मिल सकती थी? भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक टीवी चौनल से फोन पर बातचीत करते हुए कहा है कि कोर्ट के फैसले को लेकर वह क्या कह सकते हैं। अदालत ने उसे बेल दे दी है। हमारा तो केवल यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिलती हो तो ठीक है। नहीं मिली हो तो देख लो। चुनाव में इस मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा है कि हां हमारा प्रचार यह रहेगा। उन्होंने कहा है कि किसानों के पास इतने बड़े वकील तो नहीं है क्योंकि यह बड़े आदमी हैं। इनके साथ सरकार है और वह वकील खड़े कर सकती है तो बेल मिल गई होगी। क्योंकि कोर्ट तो तथ्य के आधार पर चलती है, उस तरह की दलील दी गई होगी।

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