हाईकोर्ट बेंच के लिए बंद-सड़कों पर उतरे वकील- स्कूल कॉलेज भी नहीं खुले

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मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर आहूत किया गया वकीलों का बंद ऐतिहासिक रूप लेता दिखाई दे रहा है। महानगर के मुख्य बाजारों में दुकानों पर ताले लटके हुए हैं। डॉक्टर ने भी बंद में एंट्री करते हुए ओपीडी कैंसिल कर रखी है।

बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना को लेकर पिछले काफी समय से सड़कों से गायब चल रही बंद की डिमांड बोतल में बंद जिन्न की तरह बाहर निकल आई है।

अधिवक्ताओं द्वारा आहूत किए गए बंद को ऐतिहासिक रूप मिलता दिखाई दे रहा है। दोपहर तक महानगर के खैर नगर, बुढ़ाना गेट और जिम खाना मैदान समेत महानगर के कई इलाकों में स्थित मुख्य बाजारों की दुकानों के शटरों पर ताले लटके रहे हैं।

उधर महानगर के चिकित्सकों ने भी वकीलों के हाईकोर्ट बैंच की मांग के बंद को अपना समर्थन देते हुए ओपीडी कैंसिल करने का ऐलान किया है, जबकि इमरजेंसी सेवा में बहाल रखी हुई है।

महानगर के तमाम स्कूल कॉलेज बंद पड़े हुए हैं। सवेरे से ही सड़क पर निकल पड़े वकीलों का जगह-जगह धरना प्रदर्शन चल रहा है। वकीलों का कहना है कि बेंच नहीं तो वोट नहीं।

सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया है कि पिछले 50 साल से वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की डिमांड की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसके बावजूद केंद्र और प्रदेश में आई कोई भी सरकार वकीलों के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वादकारियों की इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा नहीं कर पाई है।

उन्होंने पूर्व में जेल भरो आंदोलन के साथ मेरठ बंद रखने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का भी घेराव किया था, लेकिन इस बार हमें उम्मीद है कि इस आंदोलन का कुछ ना कुछ तो परिणाम जरूर निकलेगा।

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