शिक्षा माफिया इमलाख को दोषमुक्त करने का फैसला रद्द- फिर होगी..

शिक्षा माफिया इमलाख को दोषमुक्त करने का फैसला रद्द- फिर होगी..

मुजफ्फरनगर। जनपद न्यायाधीश ने निचली अदालत द्वारा शिक्षा माफिया इमलाख आदि के विरुद्ध दर्ज दो अलग-अलग मामलों में दोषमुक्त करने के फैसले को रद्द कर दिया गया है और शासन की अपील को मंजूर करते हुए उन्हें सुनवाई के लिए दोनों मामले निचली अदालत को रिमांड कर दिए हैं।

बृहस्पतिवार को जिला जज की अदालत में शासन की अपील को मंजूर करते हुए शिक्षा माफिया इमलाख आदि को दो अलग-अलग मामलों में सबूत के अभाव में दोषमुक्त करार देने के फैसले को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है।

दरअसल बाबा कोचिंग सेंटर की आड़ में फर्जीवाड़ा करने वाले सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गांव शेरपुर निवासी इमलाख आदि के खिलाफ फर्जी मार्कशीट तैयार कर उन्हें लोगों को बेच कर धन बटोरने के मामले में धारा 420, 467, 468 एवं 471 आईपीसी के अंतर्गत थाना सिविल लाइन पर दो अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए थे।

इनमें एक मामला तत्कालीन थाना प्रभारी सिविल लाइन तथा दूसरा तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दर्ज कराया गया था। इनमें फर्जी मार्कशीट एवं मुहर ग्राम आदि बरामद होना दिखाई गई थी।

आरोप था कि गांव शेरपुर निवासी इमलाख बाबा कोचिंग सेंटर की आड़ में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश एवं देश के अन्य बोर्डो की फर्जी मार्कशीट तैयार कर उन्हें लोगों को बेचकर उसके बदले धन वसूलने का काम करता है।

दोनों मामलों की सुनवाई एसीजेएम- द्वितीय मुकीम अहमद की अदालत में चली थी। कोर्ट ने दोनों मामलों में आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। यह फैसला वर्ष 2012 की 16 अप्रैल तथा 30 अप्रैल को सुनाया गया था।

निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ शासन ने जिला जज की अदालत में अपील दायर की थी और बताया था कि निचली अदालत के निर्णय गैरकानूनी है। अभियोजन पक्ष को पूरा अवसर नहीं दिया गया कि वह सबूत पेश कर सकें। सबूत के अभाव में आरोपियों को दो अलग-अलग मामलों में बरी कर दिया गया है।

प्रशासन की अपील में दोनों मामलों की सुनवाई एडीजे- तृतीय गोपाल उपाध्याय की अदालत में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों मामलों में शासन की अपील मंजूर करते हुए निचली अदालत एसीजेएम द्वितीय मुकीम अहमद के दोनों फैसलों को रद्द कर दिया है और आदेश दिया है कि दोनों मामलों की दोबारा सुनवाई के लिए निचली अदालत को रिमांड किया जाता है।

दोनों पक्ष आगामी 10 फरवरी 2023 को निचली अदालत में अब अपना पक्ष रखेंगे।

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