कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक को अदालत ने सुनाई सजा

कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक को अदालत ने सुनाई सजा

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) खलीकुज्ज्मा की अदालत ने मंगलवार को प्रयागराज के नैनी स्थित केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक पर न्यायालय में हाजिर न होने के आरोप में दोषी ठहराते हुए 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अदालत ने वरिष्ठ कोषाधिकारी प्रयागराज को आदेशित किया है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक, नैनी, प्रयागराज के वेतन से 50 हजार रुपये की कटौती कर अर्थदंड की धनराशि जमा कराकर न्यायालय को सूचित करें। बता दें कि केन्द्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक ने गत 21 जुलाई, 10 अगस्त, 22 सितंबर और 28 सितंबर को भेजे गये रेडियोग्राम में अदालत को यह अवगत कराया है कि पुलिस बल उपलब्ध नहीं होने के कारण अभियुक्त रामसजीवन को अदालत में हाजिर नहीं किया जा सका।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने 12 अक्तूबर को कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि 3 माह से अभियुक्त रामसजीवन को नैनी जेल से तलब किया जा रहा है, लेकिन केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक ने अभियुक्त को हाजिर नहीं किया। अदालत ने इसे लापरवाही मानते हुए कहा कि वरिष्ठ अधीक्षक अदालत के आदेश को गंभीरता से नहीं लेते हैं और न ही उसका अनुपालन करने में ही रुचि लेते हैं। इसकी वजह से इस मामले का उच्च न्यायालय के एक्शन प्लान के तहत निस्तारण नहीं हो पा रहा है। अतः धारा 349 सीआरपीसी के तहत केंद्रीय कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाये।

अदालत ने कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक को 18 अक्तूबर को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने एवं अभियुक्त रामसजीवन को हाजिर करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद वरिष्ठ जेल अधीक्षक मंगलवार को न्यायालय के समक्ष हाजिर नहीं हुए। सिर्फ अभियुक्त रामसजीवन को मंगलवार को न्यायालय के समक्ष हाजिर कराया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने उपरोक्त आदेश दिया है।

वार्ता

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