हत्या के मामले में अदालत ने नौ दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद की एक अदालत ने हत्या के नौ साल पुराने मामले में समाज कल्याण विभाग के सेवानिवृत्त दो बाबूओं समेत नौ हत्यारोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनायी है।अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने मंगलवार को बताया कि महिला कल्याण विभाग में बतौर संविदा कर्मी तैनात पुष्पेन्द्र सिंह की 21 सितंबर 2015 को थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के फव्वारा चौक और रेलवे स्टेशन के मध्य गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता अनंगपाल उर्फ आनन्द पाल द्वारा 21 सितंबर 2015 को थाना सिविल लाइंस में हत्या का मुकदमा दर्ज़ कराया था।
मृतक महिला कल्याण विभाग में संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर का काम करता था। हत्या से दो माह पहले महिपाल नामक व्यक्ति ने जनसूचना अधिकार के तहत विभाग में हो रही धांधली के विषय में सूचना मांगी तो विभाग में तैनात लिपिक चुन्नीलाल और मुकुट लाल समेत दोनों लिपिक उसके बेटे पर शक करने लगे थे। उसको लेकर बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी गई थीं। दोनों लिपिकों को शक था कि पुष्पेन्द्र द्वारा ही महिपाल से सूचना मंगवाईं जा रही हैं। इस बात को लेकर लिपिक पुष्पेन्द्र से रंजिश रखने लगे। घटना के समय पुष्पेन्द्र अपने साले विजय के साथ पीली कोठी की ओर से आ रहा था कि बदमाशों ने गोली मारकर फरार हो गए।
पुलिस ने गोली मारने वाले शूटर्स शहजाद और शादाब को गिरफ्तार किया तो पुलिस के सामने आरोपियों ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया। घटना में शामिल दोनों लिपिकों के साथ साथ जमील उर्फ़ ख़लील, जौहर, सलमान, आसिफ़, शहजाद, शादाब और फिरासत निवासी पुराना आरटीओ चक्कर की मिलक के नाम उजागर हुए।
मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या तीन सरोज कुमार यादव की अदालत में की गई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मनीष भटनागर ने बताया कि मुकदमें में सोलह गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए। अदालत ने पत्रावली पर उपस्थित साक्ष्यों के आधार पर उक्त सभी आरोपियों को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। दोषी पाए गए शादाब और शहजाद जिनके पास से तमंचा बरामद हुआ था।उन पर आयुध अधिनियम के अंतर्गत तीस तीस हजार रुपये का जुर्माना अलग से लगाया है।
वार्ता