भाजपा के मंडल कार्यालय में आग लगाने की घटना के बाद तनाव की स्थिति

अगरतला, त्रिपुरा में मंडई निर्वाचन क्षेत्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंडल कार्यालय में कथित तौर पर भाजपा के गठबंधन सहयोगी टीआईपीआरए मोथा द्वारा कल रात तोड़फोड़ और अंदर रखी प्रधानमंत्री की तस्वीरों को विकृत करने तथा आग लगा दिए की घटना के बाद शहर के पूर्वी बाहरी इलाके जिरानिया में तनाव की स्थिति निर्मित हो गयी।
स्थिति की गंभीरता और बढ़ते हालात को संभालने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक (पश्चिम त्रिपुरा), नमित पाठक, एसडीपीओ जिरानिया के साथ देर रात घटनास्थल पर पहुँचे और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की।
यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उदयपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन करने के एक दिन बाद हुई, जहाँ कथित तौर पर राजपरिवार के सदस्यों और टीआईपीआरए मोथा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया था, जिससे कुछ लोग असंतुष्ट थे।
रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि मंडई स्थित भाजपा कार्यालय, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी के बड़े बैनर प्रमुखता से लगे थे, पूरी तरह से आग की चपेट में आ गया। अलार्म बजने पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए मंडई थाने की पुलिस, टीएसआर बलों के साथ, घटनास्थल पर पहुँची, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि यह हमला प्रधानमंत्री के मंदिर दर्शन के दौरान राजपरिवार को अलग रखे जाने के गुस्से से उपजा है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार भाजपा की 'सेवा पक्ष' पहल के तहत पिछले कार्यक्रमों में भी आसारामबारी, रामचंद्रघाट, तकरजला, जम्पुइजाला, गोलाघाटी और हाल ही में हेजामारा जैसे इलाकों में इसी तरह के हमले हुए हैं।
विधानसभा में यह घटना तब गूंजी जब टीआईपीआरए मोथा के विधायकों ने उदयपुर माताबाड़ी मंदिर समारोह से राजपरिवार को बाहर रखे जाने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने त्रिपक्षीय समझौते का पालन न करने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कल त्रिपक्षीय समझौते को संबोधित करते हुए धैर्य रखने का आह्वान किया और ऐसे आंदोलनों के प्रति चेतावनी दी जो राज्य में अराजकता भड़का सकते हैं। मुख्यमंत्री की अपील के बावजूद टीआईपीआरए मोथा के विधायक अपनी आलोचना में मुखर रहे और उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सरकार की निष्क्रियता अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है।