दहन से पहले ही टूटी रावण एवं कुंभकरण की गर्दन- लटकी एक तरफ

दहन से पहले ही टूटी रावण एवं कुंभकरण की गर्दन- लटकी एक तरफ

जालंधर। विदाई लेकर जाने को तैयार मानसून जाता जाता भी लोगों को परेशान करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। रावण दहन से पहले ही कई जनपदों में तेज हवाओं के साथ शुरू बारिश का कहर रावण दहन की तैयारियों पर पड़ा है। कहीं तेज बारिश की वजह से पुतला गीला हो गया है तो कहीं तेज हवा से रावण के पुतले की गर्दन टूट कर लटक गई है।

बृहस्पतिवार को जालंधर में तेज हवा की चपेट में आकर दहन के लिए खड़े किए गए रावण एवं कुंभकरण के पुतलों की गर्दन टूटकर एक तरफ लटक गई है। आयोजकों की ओर से टूटी गर्दन ठीक कराने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।


जालंधर में दशहरा पर्व के लिए श्रीदेवी तालाब मंदिर परिसर के काली माता मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं, श्रीदेवी तालाब परिसर में बने महाकाली मंदिर के चौथे फ्लोर पर बने महाकाली के मंदिर को साल में एक बार ही महिलाओं एवं बच्चों के दर्शनार्थ खोला जाता है।

उधर राज्य में सबसे बड़ा रावण इस बार लुधियाना में जलेगा, यहां के दरेशी इलाके में 121 फीट का रावण जलने को तैयार है, जालंधर और अमृतसर में 120 फीट के रावण जलेंगे।

होशियारपुर में तेज बारिश की वजह से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले गीले हो गए हैं।

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