चौतरफा फजीहत से बैकफुट पर राज ठाकरे- भाषा विवाद पर जुबान बंद करें नेता

चौतरफा फजीहत से बैकफुट पर राज ठाकरे- भाषा विवाद पर जुबान बंद करें नेता

मुंबई। राज्य के भीतर खड़े किए गए भाषा विवाद और हिंदी भाषी लोगों की कुटाई किये को लेकर हो रही चौतरफा फजीहत से बैक फुट पर आए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया ने पार्टी सदस्यों को अपनी जुबान बंद रखने की हिदायत दी है।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ सुप्रीमो राज ठाकरे ने सोशल मीडिया के मुख्य प्लेटफार्म एक्स पर की गई पोस्ट में पार्टी सदस्यों को मराठी भाषा विवाद पर अब चुप्पी साधने का निर्देश दिया है।

हिंदी भाषी लोगों की कुटाई के मामलों को लेकर चुप रहने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ सुप्रीमो में राज ठाकरे ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि यह एक स्पष्ट आदेश है कि पार्टी के किसी भी सदस्य को अखबारों, न्यूज़ चैनलों अथवा किसी भी डिजिटल मीडिया से कोई बात नहीं करनी है।

उन्होंने हिदायत दी है कि पार्टी का कोई भी सदस्य अपनी प्रतिक्रिया वाले वीडियो सोशल मीडिया पर नहीं डालेगा, क्योंकि ऐसा करना पूरी तरह से मना है।


उन्होंने लिखा है कि जिन्हें मीडिया से बात करने की आधिकारिक जिम्मेदारी दी गई है वह लोग भी मेरी परमिशन के बगैर और मेरे से पूछे बिना किसी भी प्रकार के मीडिया से कोई बात नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर भी अपने विचार व्यक्त नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में मृतप्राय होती महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का वजूद बनाए रखने के लिए पार्टी नेताओं की ओर से राज्य में भाषा विवाद खड़ा किया गया है, जिसके चलते हिंदी बोलने वाले अनेक लोगों की पार्टी कार्य कर्ताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से कुटाई की गई है।

इस भाषा विवाद और मारपीट के मामले को लेकर राज्य के बाहर हो रही भारी फजीहत के चलते ही शायद अब पार्टी सुप्रीमो ने पार्टी सदस्यों को अपनी जुबान बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि हिंदी भाषी लोग देश के सभी राज्यों ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में भी रह रहे हैं जिसके चलते कहीं भी हिंदी भाषी लोगों के साथ मारपीट के मामले सामने नहीं आए हैं।

लेकिन महाराष्ट्र में जिस तरह से हिंदी भाषी लोगों की पिटाई की गई है उससे पता चल रहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना हिंदी भाषी लोगों को किसी दूसरे देश अथवा ग्रह का होना मानती है।

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