दोहा में बड़ी सफलता- अफगानिस्तान-पाकिस्तान में युद्धविराम समझौता

नई दिल्ली। अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने दोहा में आयोजित शांति वार्ता के दौरान तत्काल युद्धविराम पर सहमति बना ली है। कतर के विदेश मंत्रालय ने रविवार तड़के इस समझौते की आधिकारिक घोषणा की।
यह वार्ता दोनों देशों के बीच एक हफ्ते तक चली भीषण सीमा झड़पों के बाद आयोजित की गई थी, जिनमें कई सैनिकों और नागरिकों की जानें गई थीं। शांति वार्ता में संयुक्त राष्ट्र और कतर के अधिकारियों ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
दोनों देशों ने इस दौरान तनाव कम करने, सीमा पर विश्वास बहाली के उपाय शुरू करने और आगे की बातचीत जारी रखने पर भी सहमति जताई है। कतर सरकार ने इस समझौते को “क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में अहम कदम” बताया है।
काबुल और इस्लामाबाद दोनों ने कहा है कि वे इस युद्धविराम का सख्ती से पालन करेंगे ताकि सीमा पर शांति बनी रहे।
दरअसल यह लडाई अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमारेखा, जिसे दुरंड लाइन कहा जाता है, लंबे समय से विवाद का विषय रही है। पाकिस्तान इसे वैध सीमा मानता है, जबकि अफगान पक्ष इसे स्वीकार नहीं करता। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान में मौजूद समूहों, विशेष रूप से तेहरिक‑ए‑तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने उसकी सीमा के अंदर घुसपैठ और हमले किए हैं। अफगान सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच 9-12 अक्टूबर को सीमा पर तोपखाने, हमले और हवाई सड़क संघर्ष हुआ, जिससे बड़ी संख्या में हताहत हुए। दोनों देशों की ओर से दिए गए आंकड़े अलग-अलग हैं: अफगान पक्ष ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सैनिकों को 58 की संख्या में मारा है, जबकि पाकिस्तान ने 23 सैनिकों की मृत्यु स्वीकार की है।
इस बीच, 18 अक्टूबर को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के उर्गुन जिले में एक हवाई हमले में कम-से-कम 8 नागरिक मारे गए, जिनमें से तीन युवा क्रिकेटर थे कबीर आगा, सिगबुतुल्ला और हारून शामिल थे। इस त्रासदी के बाद Afghanistan Cricket Board (ACB) ने पाकिस्तानी ट्राइ-सीरीज से अपना टीम नाम वापस ले लिया है।