लो कर लो बात- रुपए नहीं मिलने पर रिश्वत में 4 जोड़ी जूते ही ले गए

आगरा। रिश्वतखोरी के मामले में अव्वल दर्जा हासिल करने के लिए सिपाहियों ने अजीबोगरीब कारनामा अंजाम देते हुए रुपए नहीं मिलने पर दुकानदार से रिश्वत में चार जोड़ी जूते ही झटक लिए। शिकायत के बाद एक्शन में आए कमिश्नर ने दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है, इसके अलावा रिश्वतखोरी के ही एक अन्य मामले में की गई कार्यवाही में एक सिपाही को निलंबित किया गया है, जबकि नो पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के बावजूद आगरा में पुलिस कर्मियों की रिश्वतखोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सिपाहियों की करतूत से खाकी पर एक बार फिर से रिश्वतखोरी का दाग लग गया है।
बताया जा रहा है कि एसीपी कोतवाली के दफ्तर में तैनात कांस्टेबल कौशल एवं विश्वनाथ को एक जूता कारोबारी के बयान दर्ज करके एसीपी के समक्ष उसकी रिपोर्ट पेश करने की जांच मिली थी।
मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने जूता कारोबारी के बयान लिए और व्यापारी से जांच उसके पक्ष में करने की एवज में उससे रूपयों की मांग की। लेकिन कारोबारी ने जब रुपए देने से मना कर दिया तो इसके बाद दोनों सिपाही जूता कारोबारी से बतौर रिश्वत चार जोड़ी जूते ही ले गए।
रिश्वतखोर कांस्टेबलों के जाने के बाद जूता कारोबारी में साक्ष्य के साथ इसकी शिकायत पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर की। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास की रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने रिश्वत में जूते लेने वाले मुख्य आरक्षी कौशल और आरक्षी विश्वनाथ को सस्पेंड कर दिया है।
इसके अलावा सिपाही प्रदीप कुमार एसीपी लोहा मंडी के दफ्तर में तैनात है, उसने एक व्यक्ति के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई का डर दिखाया और उसे रूपयों की डिमांड की। शिकायत करने वाले ने रूपयों की मांग करने वाले सिपाही की बातचीत की रिकॉर्डिंग की और अधिकारियों के समक्ष पेश कर दी, उसे भी निलंबित कर दिया गया है।


