UP के हर गांव में लगेगी ग्रीन चौपाल-नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी का आयोजन

UP के हर गांव में लगेगी ग्रीन चौपाल-नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी का आयोजन

लखनऊ। वर्ष 2030 तक उत्तर प्रदेश के हरित आवरण को 15 प्रतिशत तक ले जाने के लक्ष्य के तहत राज्य की हर ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में महीने के तीसरे शुक्रवार को ग्रीन चौपाल की बैठक होगी।

मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को बताया कि सेक्शन/बीट अधिकारी सदस्य सचिव तथा ग्राम पंचायत अधिकारी ग्रीन चौपाल के संयोजक होंगे। इसके अलावा तीन ग्राम पंचायत सदस्य (न्यूनतम एक महिला), स्वयं सहायता समूह की एक महिला प्रतिनिधि, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, आंगनबाड़ी सहायिका, रोजगार सेवक, प्रगतिशील कृषक, पर्यावरणविद्/स्थानीय एनजीओ के प्रतिनिधि व जैव विविधता प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि ग्राम चौपाल के सदस्य होंगे। उन्होने बताया कि राजकीय अवकाश होने की स्थिति में अगले दिन अनिवार्य रूप से ग्रीन चौपाल की बैठक होगी। विभिन्न विभागों की पर्यावरण से जुड़ी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन आदि के प्रति स्थानीय स्तर पर विशेष प्रचार-प्रसार ( नुक्कड़ नाटक, रैली, गोष्ठी) आदि का आयोजन भी होगा। गांवों के विद्यालयों में शिक्षकों/विद्यार्थियों को जैव-विविधता, पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन आदि के सम्बन्ध में जागरूक किया जायेगा। ग्रीन चौपाल के कार्यों की निगरानी जिला वृक्षारोपण समिति करेगी।

पौधरोपण के लिए ग्राम पंचायतवार माइक्रोप्लान की विवेचना एवं क्रियान्वयन में ग्रीन चौपाल की सक्रिय सहभागिता रहेगी। इसके साथ ही ग्राम पंचायत में हरीतिमा विकास के लिए उपलब्ध रिक्त भूमि पर पौधरोपण व रखरखाव सुनिश्चित करेगा। ग्राम चौपाल शासन एवं जिला वृक्षारोपण समिति की मंशा के अनुरूप दायित्वों का निर्वहन करेगा। मिशन लाइफ, वन, वन्यजीव, आर्द्र भूमि, पर्यावरण, जैवविविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, पौधरोपण, कार्बन क्रेडिट, वैकल्पिक ऊर्जा आदि के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं से आमजन को भी जागरूक किया जाएगा। मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए प्रचार-प्रसार के साथ ही ग्राम हरित निधि की स्थापना व संचालन पर भी फोकस रहेगा।

मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में ग्रीन चौपाल के कार्यों के विवरण का संकलन प्रत्येक महीने जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा किया जाएगा। ग्रीन चौपाल के सुचारू संचालन के लिए समन्वय का कार्य प्रभागीय वनाधिकारी करेंगे। जिला वृक्षारोपण/पर्यावरण समिति द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्रीन चौपालों को नियमित रूप से चिह्नित किया जाएगा, फिर उन्होंने सम्मानित भी किया जाएगा। जनपद स्तर पर सराहनीय कार्य करने वाली ग्रीन चौपालों की सूची पर्यावरण, वन-जलवायु परिवर्तन विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे समस्त प्रगतिशील ग्रीन चौपालों को राज्य स्तर पर भी सम्मानित किया जाएगा।

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