बीज- कीटनाशक व फर्टिलाइजर के हर उत्पाद पर हो QR कोड

मुज़फ्फरनगर। पीजेंट के चेयरमैन अशोक बालियान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को एक पत्र लिखते हुए सुझाव दिया है कि पूरे देश में बीज की शुद्धता बनाए रखना एक चुनौती साबित हो रहा है। कुछ समय पहले भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि भारत में जहां भी बीज बिकेगा, उस पर क्यू आर कोड लगा होगा, इससे पता चल सकेगा कि इसका फाउंडेशन बीज कहां से तैयार हुआ है। अब तक टैग मैन्युअल प्रिंट और सील होते थे, लेकिन नई व्यवस्था में QR कोड/बारकोड स्कैनिंग के ज़रिए हर बैग का सत्यापन संभव होगा। लेकिन क्यूआर कोड के साथ ब्लॉकचेन आधारित आपूर्ति श्रृंखला किसानों के लिए चीजों को बेहतर बना सकती है। इस प्रणाली में, सूचना विकेंद्रीकृत होती है और हर आपूर्ति बिंदु पर संग्रहीत होती है, जहाँ किसान बीज की उत्पत्ति का डिजिटल रूप से पता लगा सकता है।
उन्होंने लिखा ब्लॉकचेन आधारित आपूर्ति श्रृंखला में बीज फार्म के निरीक्षण से प्राप्त जानकारी को अपरिवर्तनीय ब्लॉकचेन लेज़र में संग्रहीत करना होगा। परागण से पहले, परागण, फल विकास और कटाई से पहले के चरणों में फील्ड निरीक्षण करना होगा। जानकारी को फिर से ब्लॉकचेन प्रारूप में संग्रहीत करना होगा। इसके बाद, कटाई के बाद के निरीक्षण और प्रयोगशाला परीक्षणों का विवरण भी ब्लॉकचेन में संग्रहीत करना होगा।
बीज के प्रमाणीकरण पर, एक क्यूआर कोड तैयार किया जाना चाहिए, जिसे प्रमाणित बीज पर चिपकाया जा सकता है, जिसके माध्यम से सभी उत्पादन मापदंडों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। प्रमाणपत्रों को ब्लॉकचेन का उपयोग करके एक सुरक्षित फ़ाइल सिस्टम में संग्रहीत किया जाना चाहिए, ताकि छेड़छाड़-प्रूफ प्रमाणपत्र सुनिश्चित हो सके। जारीकर्ता, टाइमस्टैम्प, सभी चरणों के निरीक्षण विवरण और प्रमाणपत्र के बारे में सभी विवरण भविष्य के संदर्भ के लिए बनाए रखा जाता है।
टैग का डेटा केंद्र सरकार के “साथी पोर्टल (SATHI)” से जुड़ना अनिवार्य हो, जिसमें बीज प्रमाणीकरण से लेकर वितरण तक की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
इसी तरह केंद्र सरकार ने कीटनाशक नियम, 1971 के नियम 19 के तहत कीटनाशक लेबलिंग से संबंधित विभिन्न प्रावधानों में संशोधन करने वाले राजपत्र अधिसूचना ने कीटनाशकों के खुदरा पैक पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य कर दिया है। संशोधन के तहत कंपनियों को नए लेबलिंग प्रारूप में बदलाव करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है।
केंद्र सरकार ने उर्वरकों के बैग पर क्यूआर कोड लगाने का निर्णय 1 जनवरी, 2023 से लागू किया था। इस फैसले का उद्देश्य उर्वरकों में हो रही धोखाधड़ी को रोकना और किसानों को सही जानकारी उपलब्ध कराना था।
केंद्र सरकार को बीजों ,कीटनाशक व फर्टिलाइजर ब्लॉकचेन आधारित आपूर्ति श्रृंखला (Blockchain-based supply chain) प्रणाली लागू करनी चाहिए। ब्लॉकचेन आधारित आपूर्ति श्रृंखला (Blockchain-based supply chain) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल बनाया जाता है। यह तकनीक उत्पादों के उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक की यात्रा को ट्रैक करने, धोखाधड़ी को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला में शामिल सभी पक्षों के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद करती है।
अत: आपसे अनुरोध है कि भारत में बीजों,कीटनाशक व फर्टिलाइजर निर्माताओं द्वारा बेचे जाने वाले हर उत्पाद पर क्यूआर कोड अनिवार्य करने के सम्बन्ध में व इनके लिए ब्लॉकचेन आधारित आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली लागू करने के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।