डिप्टी CM का हिंदी विरोधियों के मुंह पर तमाचा- हिंदी से एलर्जी तो....

अमरावती। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सरकार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर एवं जनसेना पार्टी के सुप्रीमो ने हिंदी विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा मारते हुए कहा है कि तेलुगु भाषा हमारी मां के समान है तो हिंदी मौसी जैसी है। हिंदी से एलर्जी रखने वाले साउथ फिल्मों को हिंदी में डब कराकर क्यों खूब पैसा कमा रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर एवं जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा है कि अगर तेलुगु भाषा हमारी मां के समान है तो हिंदी भी मौसी जैसी है। हिंदी सीखने से क्षेत्रीय पहचान को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा है कि हिंदी भारत को एक करने का काम करती है। क्षेत्रीय भाषा के साथ हिंदी सीखने को नए अवसरों के रूप में देखना चाहिए।
डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने कहा है कि जब साउथ फिल्मों को हिंदी में डब कराकर खूब पैसा कमाया जाता है तो कहीं भी हिंदी का विरोध दिखाई नहीं देता है, लेकिन भाषा को सीखने से लोगों को एलर्जी है। आखिर यह कैसा दोहरा चरित्र है?
डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने हैदराबाद में राजभाषा विभाग के दक्षिण संवाद स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये।
पवन कल्याण ने कहा है कि क्षेत्रीय भाषाओं का महत्व तो है ही लेकिन हिंदी भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।