मोंथा चक्रवात का असर-कार एवं ऑटो पर गिरा पेड़-स्टेशन पर काटनी पड़ी रात

नई दिल्ली। चर्चित मोंथा चक्रवात ने चार राज्यों में जमकर अपना असर दिखाया है। कई जगह पेड़ उखड़कर आती जाती गाड़ियों पर गिर गए हैं। समुद्री तटों पर उठ रही ऊंची लहरों ने पब्लिक की सांसों को हलक के अंदर अटकाया है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के तटीय राज्यों के इलाकों से 50000 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं गए हैं।

बुधवार को चक्रवात मोंथा का असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जनपद में देखने को मिला है। इन राज्यों में 80 किलोमीटर से लेकर 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाई चल रही है।

आंध्र प्रदेश में हुई पेड़ गिरने की घटना में सड़क पर जा रही कार एवं ऑटो के ऊपर पेड़ गिरने से चारों तरफ बुरी तरह से अफरातफरी मच गई है। विशाखापट्टनम में कई स्थानों पर जमीन पर खड़े पेड़ उखाड़ कर पृथ्वी पर गिर गए हैं। पहले से अलर्ट एनडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर गिरे पेड़ों को काटकर मौके से हटाया है।
मछलीपट्टनम में 50 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से चली हवाओं की चपेट में आकर कई पेड़ उखड़ गए हैं। गंजम के पोदमपेटा गांव में साइक्लोन ममता की वजह से समुद्र में लहरों से किनारे की प्रॉपर्टी को भारी नुकसान पहुंचा है।

विशाखापट्टनम में चली तेज आंधी के दौरान पेड़ गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई है। ऑटो पर पेड़ गिरने के साथ ही मलबा भी गिरा है। आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में बनाए गए रिलीफ कैंप में लोगों को तूफान से बचाकर लाया गया है।
चेन्नई में समुद्र किनारे रेस्क्यू टीमों ने फेंसिंग की, जिससे लोग समुद्र में नहीं जा सके। पुरी में समुद्र किनारे जिस समय लोग बैठे हुए थे उसे वक्त मोंथा चक्रवात के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठी।
भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर कई रेलगाड़ियां के रद्द कर दिए जाने की वजह से पैसेंजर को स्टेशन पर अपनी रात काटने को मजबूर होना पड़ा है।


