देश को आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर ठोस कार्रवाई ज़रूरी- मायावती

देश को आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर ठोस कार्रवाई ज़रूरी- मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ से देश की अर्थव्यवस्था पर संभावित कुप्रभाव से बचने के लिये सरकार को आत्मनिर्भर भारत’ की नीति पर ठोस कार्रवाई करने की जरुरत है।

सुश्री मायावती ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई प्रेषित करते हुये कहा कि जनहित में ही देशहित निहित व समाहित है। इसीलिये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ’अमेरिका को पुनः महान बनाने’ की प्रतिज्ञा के तहत मनमानी व्यापार टैरिफ नीति को ज़ोर जबरदस्ती लागू करने से भारत में भी इसके आर्थिक प्रभाव से देश व जनजीवन को बचाने के लिये सरकार को दावे, वादे, कसमें, घोषणायें व संकीर्णता आदि त्याग कर एकाग्रता एवं एकजुटता के साथ ठोस उपायों पर सही से कार्य करना ज़रूरी है। उन्होने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें देश की लगभग 140 करोड़ की आबादी व ख़ासकर भारत के व्यापार हित रक्षा के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को बचाने तथा लोगों को उससे उत्पन्न अफरातफरी के हालात से निकालने के लिये पूरी तरह से नीतिगत परिवर्तन से आश्वस्त करना ज़रूरी है। आज स्वतंत्रता दिवस के दिन देश को इसी संदेश का इंतज़ार है और आगे भी रहेगा।


बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देश के करोड़ों बहुजन ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, छोटे व्यपारियों व अन्य सभी मेहनतकश समाज के अथक प्रयास के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मज़बूत बनी हुई है और जो सरकार का असली सहारा भी है, लेकिन सरकार की मुख्यतः ग़रीब-विरोधी व बड़े-बड़े पूंजीपति व धन्नासेठ- समर्थक नीति के कारण इन वर्गों के लोगों का जीवन ख़ासकर बढ़ती हुई महंगाई, ग़रीबी, बेरोज़गारी व हर दिन के तनावपूर्ण जीवन आदि के कारण काफी बदहाल है जबकि इनकी क्रय शक्ति ही देश के अर्थव्यवस्था की असली ताकत व पूंजी है, जिसके प्रति सरकार को अब गंभीर होकर सुधार के उपाये करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि इस क्रम में अमेरिका से भारत की दोस्ती अब काफी महंगी पड़ने के कारण भारतीय व्यापार को किसी एक देश तक सीमित अर्थात् किसी एक देश पर निर्भरता के बजाय अन्य देशों से व्यापार को तेजी से बढ़ाने की जरुरत है।केंद्र सरकार को कृषि की तरह ही अन्य विभिन्न क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता पर दीर्घकालीन नीति बनाकर कार्य करने की जरूरत है, जिससे देश की अपार श्रम व आईटी सेक्टर की शक्ति को बढ़ावा मिल सकता है और गरीबी व बेरोजगारी आदि की जटिल समस्याओं से मुक्ति भी मिल सकती है। इसके लिए सरकार को संकीर्णता व कुछ चुनिन्दा व्यापारियों को प्रश्रय देना छोड़कर सरकारी क्षेत्र को भी उचित बढ़ावा देना होगा।


इसके साथ ही, देश का जनहितैषी समग्र व सम्पूर्ण विकास तभी संभव है जब देश हर प्रकार की अव्यवस्था, साम्प्रदायिक, जातिवादी, भाषाई आदि तनाव/हिंसा आदि से मुक्त हो, जिसके प्रति सरकारों की ख़ास जिम्मेदारी है। केन्द्र व राज्यों के बीच बढ़ते हुये टकराव को भी रोकना बहुत जरूरी है।

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