ट्रैफिक पुलिस को चुनौती-पाड लो म्हारी पूंछ- हम तो इक्कर ही चलेंगे

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मुजफ्फरनगर। खुद को सजग बताते हुए जनपद में यातायात के नियमों का पालन कराने का दावा करने वाली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के दावों को चुनौती देते कई फोटो एवं वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें बाइक को कार समझकर उसके ऊपर तीन से लेकर सात लोग जाते दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल सोशल मीडिया पर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की सजगता की पोल खोलते कई फोटो एवं वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिन्हें जनपद मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र का होना बताया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही दो अलग-अलग तस्वीरों में बाइक पर सवार होकर जाते क्षमता से अधिक लोग पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की सजगता को उजागर करते हुए यातायात के नियमों को भी खुली चुनौतियां देते दिख रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पहली फोटो में बच्चों व बड़ों समेत आधा दर्जन से अधिक यानी सात लोग बाइक पर सवार होकर अपने गंतव्य की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं। यातायात के नियमों का उलंघन कर मौत को दावत देते हुए बाइक पर सवार होकर जा रहे यह लोग निश्चित रूप से थाना या चौकी के सामने अथवा व्यस्त चौराहे से होते हुए निकलकर आए होंगे।

लेकिन किसी ने भी कार बनी बाइक पर ध्यान नहीं दिया, ऐसे हालातो में यदि कोई हादसा हो जाता है तो निश्चित रूप से इसे पुलिस और प्रशासन की लापरवाही मानते हुए पब्लिक द्वारा हंगामा किया जाएगा। मुख्य बात यह है कि बाइक पर सवार सात लोगों में से किसी के भी सिर पर हेलमेट नहीं है।

इसी तरह दूसरी तस्वीर में दो व्यक्ति और एक महिला ट्रिपल राइडिंग करते हुए अपनी मंजिल की तरफ पूरी तरह से बेखौफ होकर जा रहे हैं।

यातायात के नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन करते हुए जा रहे इन लोगों के पास बाइक के कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र और इंश्योरेंस आदि दस्तावेजों को यदि नजरअंदाज कर भी दिया जाए तो इन दोनों पुरुषों एवं महिलाओं में से किसी के भी सिर पर हेलमेट नहीं है।

अब ऐसे हालातो में यदि रास्ते में कोई हादसा हो जाता है तो आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? वैसे तो यातायात पुलिस जगह-जगह चौराहों पर खड़ी रहती है, लेकिन आमतौर पर देखने में आया है कि चौराहों पर यह तैनाती माल लेकर जाने वाली गाड़ियों पर ही अपनी नजर रखती दिखाई देती है।

महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि ओवरलोडिंग जा रही गाड़ी चौराहे पर रोके जाने के बाद भी बिना किसी चालान आदि की कार्रवाई में थोड़ी देर की बातचीत के बाद अपनी मंजिल की तरफ निकल जाती है। सफर शुरू करने से लेकर गंतव्य तक पडने वाले चौराहों पर ओवरलोडिंग गाड़ी इसी तरह से रोकी जाती है और बातचीत के बाद वह अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती हुई गंतव्य तक पहुंच जाती है।

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