नेपाल के बाद अब इस देश में Gen-Z का आंदोलन- राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे

नेपाल के बाद अब इस देश में Gen-Z का आंदोलन- राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे

बांग्लादेश और नेपाल के बाद अब हिंद महासागर में स्थित अफ्रीका के पूर्वी तट पर बसे द्वीपीय देश मेडागास्कर में भी बड़े राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बन गई है। यहां Gen-Z युवाओं के नेतृत्व में सरकार विरोधी आंदोलन इतना उग्र हो गया कि हालात तख्तापलट तक पहुंच गए। राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना को सुरक्षा कारणों से देश छोड़ना पड़ा है।

सितंबर 2025 में राजधानी एंटानानारिवो में लगातार बिजली-पानी की कटौती और महंगाई से नाराज़ जनता सड़कों पर उतर आई।आंदोलन का नेतृत्व Gen-Z Madagascar नाम के युवा संगठन ने किया, जो भ्रष्टाचार और सरकारी अपारदर्शिता के खिलाफ लामबंद हुआ। धीरे-धीरे यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया और “राजोएलिना इस्तीफा दो” के नारे लगने लगे।

12 अक्टूबर को मेडागास्कर की CAPSAT (Administrative & Technical Corps) नामक सैन्य इकाई ने सरकार के आदेशों को मानने से इंकार कर दिया और प्रदर्शनकारियों का साथ देने की घोषणा कर दी। इसके बाद राजधानी में गोलीबारी, झड़पें और सरकारी भवनों पर कब्ज़े की खबरें आने लगीं। सेना ने खुद को “जनता का रक्षक” बताते हुए जनरल डेमोस्थेने पिकुलस को अंतरिम सैन्य प्रमुख घोषित किया।

रिपोर्टों के मुताबिक, राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना फ्रांसीसी विमान से देश से निकल गए। उन्होंने अपने फेसबुक संदेश में कहा — “मैं देश छोड़कर इसलिए गया हूं ताकि मेडागास्कर अराजकता में न डूबे। मैं जल्द ही लौटूंगा।” हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार किया है और कहा कि वे “वैध राष्ट्रपति” हैं।

राजधानी सहित कई हिस्सों में लूटपाट, कर्फ्यू और संचार व्यवस्था बंद है। अफ्रीकन यूनियन और संयुक्त राष्ट्र ने शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि पड़ोसी देश मॉरीशस और केन्या ने आपात वार्ता की पेशकश की है। विशेषज्ञों का मानना है कि मेडागास्कर की यह स्थिति अफ्रीका में युवाओं द्वारा नेतृत्व किए जा रहे आंदोलनों की नई लहर को दर्शाती है। यह वही पीढ़ी है जो सोशल मीडिया के ज़रिए एकजुट होकर सत्ता को चुनौती दे रही है — बांग्लादेश, नेपाल और अब मेडागास्कर में यही पैटर्न देखने को मिल रहा है।

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