भारी भरकम कांवड़ लेकर आए युवक की चली गई जान- वजनी कांवड़ से..

सोनीपत। परिजनों की सलाह को नजर अंदाज करते हुए 51 लीटर गंगाजल के साथ कांवड़ लेकर आए 20 वर्षीय युवक की जान चली गई है। वजनी कांवड़ के चलते चोटिल हुए कंधे में उत्पन्न हुए दर्द को दूर करने को युवक ने पेन किलर दवाइयां ले ली थी।
हरियाणा के सोनीपत जनपद के गन्नौर क्षेत्र के गांव पुरखास राठी में श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के समापन के बाद दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है।
मिल रहे घटनाक्रम के मुताबिक गांव पुरखास राठी का रहने वाला परिवार का इकलौता 20 वर्षीय जतिन श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के अंतर्गत हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए गया था।
जाते समय माता-पिता ने सलाह दी थी कि बेटे आस्था एक लीटर जल से भी पूरी हो जाती है, लेकिन जतिन ने जवाब दिया था कि यह मेरी श्रद्धा है और मैं इसे हल्का नहीं कर सकता।
उत्तराखंड की तीर्थ नगरी हरिद्वार पहुंचे जतिन ने 51 लीटर गंगा जल के साथ भारी भरकम कांवड़ उठा ली, रास्ते में वजनी कांवड़ की वजह से जतिन का कंधा चोटिल हो गया।
यात्रा जारी रखने के लिए उत्पन्न हो रहे दर्द को शांत करने के लिए जतिन ने पेन किलर दवाइयों का सहारा लिया। जिसके चलते दर्द के बीच वह गांव पहुंच गया, जलाभिषेक पूरा करने के बाद जब जतिन की तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे अस्पताल ले गए।
जहां की गई जांच के दौरान पता चला कि पेन किलर दवाइयों की अधिकता की वजह से जतिन का लीवर और किडनी फेल हो गई थी, जिसके चलते ट्रीटमेंट के दौरान जतिन का निधन हो गया।
घर के इकलौते जतिन की मौत से घर में मातम पसरा हुआ है और गांव में सन्नाटा दिखाई दे रहा है।
बताया जा रहा है कि लगभग किशोर अवस्था में मौत का निवाला बना जतिन कोचिंग जाता था और नवंबर महीने में उसकी बहन की शादी होने वाली थी।
अत्यधिक वजन की कांवड़ के चलते जतिन अब इस दुनिया में नहीं रहा है, लेकिन उसका साहस और समर्पण अन्य के लिए एक चेतावनी छोड़ गया है।
यानी श्रद्धा में संतुलन भी होना जरूरी है, जिसके चलते अब लोगों को जतिन के माता-पिता की वह सलाह सही दिखाई दे रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि बेटा आस्था एक लीटर जल से भी पूरी हो जाती है।