ADG भानु भास्कर की सफलता की कहानी- महाकुंभ के इनाम में मेरठ जोन

ADG भानु भास्कर की सफलता की कहानी- महाकुंभ के इनाम में मेरठ जोन

मेरठ। उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जोन में से एक मेरठ जोन में वर्तमान में सात जिले हैं, जिनमें हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, मेरठ सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जैसे जिलों में क्राईम कंट्रोल रखना चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मेरठ जोन पर भरोसेमंद और तेजतर्रार अधिकारी को ही भेजते हैं, चाहे वह रिटायर्ड आईपीएस आनंद कुमार, मौजूदा डीजीपी व तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार हो या अन्य आईपीएस अधिकारी हो या फिर अब तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर हो। आईपीएस प्रशांत कुमार ने जो मेरठ जोन में क्रिमिनल्स में पुलिस के प्रति खौफ पैदा किया था वो काबिल-ए-तारीफ रहा।


अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मेरठ जोन की बागडोर संभालने वाले आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर खरा साबित हुए। ऐसा यूं ही नहीं कहा जा रहा है प्रयागराज जैसे जोन की कमान और वहां पर महाकुंभ 2025 को सकुशल सम्पन्न कराना असीम चुनौती ही था, जिसे उन्होंने आलाधिकारियों के साथ मिलकर महाकुंभ को सकुशल सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। प्रयागराज जोन में आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर की बेहतरीन पुलिसिंग का ही परिणाम है कि अब उन्हें मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक की बागडोर सौंपी गई है। आईपीएस अधिकारी की पुलिस कार्यकाल में उनकी गुड पुलिसिंग को देखते हुए उन्हें समय-समय पर इनाम भी मिला। आईपीएस अधिकारी को राष्ट्रपति पदक, उत्कृष्ट पदक, डीजी कमांडेशन डिस्क तीनों मिल चुके हैं। मेरठ जोन की कमान संभालते ही उन्होंने अपने अधीनस्थों के साथ मीटिंग कर उन्हें आदेश दे दिये हैं कि कैसे मेरठ जोन में क्राईम को धरती पर धड़ाम ही रखना है।

अपराधियों पर पैनी नजर रखने वाले आईपीएस अधिकारी ने अपने कार्यालय कुख्यात बदमाश बदन सिंह बद्दों की फाइल भी मंगा ली है, इससे साफ संदेश है कि वह अपराधियों के प्रति सख्त है। वहीं आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर का यह भी स्पष्ट कहना है कि फरियादियों की समस्याओं को सुनकर उनका समय से सही निस्तारण होना चाहिए। आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर सभी जिलों के विभिन्न थानों व जिलों के पुलिस मुखियों के साथ मीटिंग कर प्वाइंट टू प्वाइंट वार्ता कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। कौन है आईपीएस भानु भास्कर, कहां-कहां पोस्टिंग रही और कब-कब उन्हें उनकी सुपीरियर पुलिसिंग का इनाम भी मिला, जानिए खोजी न्यूज की खबर पढ़कर...

वर्ष 1975 का मई माह की पहली तारीख की बात है कि बिहार की राजधानी पटना में अखिलेश्वर सिंह के परिवार में एक नन्हें बच्चे की किलकारियां गूंजी। परिवार में बच्चे के नाम रखा गया भानु भास्कर। शुरूआती शिक्षा से लेकर स्नातक की शिक्षा पूर्ण होने के बाद भानु भास्कर ने पॉलिटिकल साइंस से मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एमफिल की डिग्री प्राप्त की। सिविल सर्विसेज की परीक्षा को क्रेक कर उस समय का यह युवा भानु भास्कर बन गया साल 1996 बैच का आईपीएस अधिकारी।

खाकी वर्दी धारण करने के वाले भानु भास्कर की बतौर आईपीएस प्रशिक्षण पूर्ण होने पश्चात वह मुरादाबाद, लखनऊ, मथुरा, इटावा, रामपुर, ओरैया, बरेली और फैजाबाद जैसे जिलों में शानदार पुलिस कप्तानी कर चुके हैं। आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर मेरठ में पीटीसी में भी तैनात रह चुके हैं। प्रमोशन के बाद 24 दिसम्बर 2011 को भानु भास्कर डीआईजी रैंक के अधिकारी बन गये। डीआईजी के तौर पर आगरा, फैजाबाद और सहारनपुर रेंज के साथ इलाहाबाद जीआरपी रेंज में आईपीएस भानु भास्कर तैनात रहे। 6 अगस्त 2014 की तारीख आई तो भानु भास्कर के लिये फिर खुशखबरी की बात यह थी कि उनको प्रमोशन हुआ और वह आईजी बन गये। ऐसे वर्ष 2021 भी भानु भास्कर के लिये प्रसन्नता से कम नहीं रहा क्योंकि वर्ष 2021 के पहले महीने की पहली तारीख में ही प्रमोशन पाते हुए अपर पुलिस महानिदेशक रैंक के आईपीएस अफसर बने।


वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर ज्वाइंट डायरेक्टर सीबीआई के पद पर भी काम कर चुके हैं। कई सालों तक सीबीआई में तैनात रहने के उपरांत आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर को कानपुर जोन का अपर पुलिस महानिदेशक बनाया गया। कानपुर जोन से आईपीएस भानु भास्कर का तबादला करते हुए शासन ने वर्ष 2022 में उन्हें प्रयागराज जोन की कमान सौंपी। सवा दो साल का कार्यकाल प्रयाराज जोन में पूरा करने के बाद उनकी सुपीरियर कार्यशैली को देखते हुए योगी सरकार ने उन्हें महत्वपूर्ण जोन मेरठ के एडीजी की जिम्मेदारी सौंपी। शासन द्वारा प्रयागराज से तबादले के बाद मेरठ जोन के एडीजी की कुर्सी पर बैठकर आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर ने 21 अप्रैल 2025 का कार्यभार ग्रहण किया।

आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर को वर्ष 2006 में चिवनिंग फेलोशिप मिली। उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज 60वें बैच में हाईयेस्ट स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट का कोर्स किया। इसके बाद आईपीएस अधिकारी को 2007-08 में एचएचएच हम्फे प्रोग्राम के तहत फुलब्राइट फेलोशिप मिली। वर्ष 2015 में आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर ने कनाडा के ओटवा से रॉयल कैनेडियन माउंटटेड पुलिस कोर्स किया। केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भी रहे। आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर कनाडा सहित कई देशों में वह ट्रेनिंग लेकर आ चुके हैं।

आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर के 29 साल के पुलिस कार्यकाल में उनके द्वारा की गई बेहतरीन पुलिसिंग का नतीजा रहा कि उन्हें कई बार बडे स्तर पर ईनाम भी मिल चुके हैं। आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर को 26 जनवरी 2013 को पीएम, 15 अगस्त 2021 को डीजी कमांडेशन डिस्क सिल्वर, वर्ष 2021 में उत्कृष्ट सेवा पदक, 26 जनवरी 2023 को डीजी कमांडेशन डिस्क गोल्ड, 15 अगस्त 2023 को पीपीएम, 15 अगस्त 2023 को ही डीजी कमांडेशन डिस्क प्लेटिनियम मेडल भी मिला।

आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर का पुलिस सेवा में आने के बाद आरंभ से ही अपराधियों और माफियाओं के प्रति कड़ा रूख रहा। मथुरा के पुलिस कमांडर रहते हुए तेल माफियाओं पर शिकंजा कसने का काम किया। झांसी के भू-माफियाओं पर आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर द्वारा की गई सख्ती को आज भी याद किया जाता है। आईपीएस अधिकारी मैनपुरी और बिकरू कांड सहित 9 बड़ी आपराधिक घटनाओं के विशेष जांच दल के प्रभारी रहे। बिहार में शेल्टर होम वाले केस की जांच से लेकर सुनवाई पूरी करवाने तक आईपीएस अधिकारी भानु भास्कर की अहम भूमिका रही।

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