मर्डर में उम्रकैद की सजा काट रहा था एक्सीडेंट में मरा बंदी गुल सनव्वर

मुजफ्फरनगर। बंदी को जेल से पेशी पर ले जा रहे हैं वाहन के एक्सीडेंट में चार पुलिस कर्मियों सहित मुजफ्फरनगर के जिस बंदी गुल सनव्वर की मौत हुई है उस पर मुजफ्फरनगर जिले के विभिन्न स्थानों पर 26 मुकदमे दर्ज थे और हत्या के एक मुकदमे में उसको उम्र कैद की सजा हुई थी, जिस कारण उसको मुजफ्फरनगर से फिरोजाबाद जेल में ट्रांसफर किया गया था।
गौरतलब है कि आज फिरोजाबाद से एक बंदी गुल सनव्वर को लेकर मुजफ्फरनगर जा रहे पुलिस के वाहन का अलीगढ़ में आगरा - दिल्ली हाईवे पर कंटेनर से टकराने से एक्सीडेंट हो गया जिसमें चार पुलिसकर्मियों सहित बंदी गुल सनव्वर की भी मौत हो गई है। गुल सनव्वर की मौत की खबर के बाद मुजफ्फरनगर के लोगों में उत्सुकता बढ़ी हुई है कि इस एक्सीडेंट में मरने वाला बंदी गुल सनव्वर कौन है।
आपको बताते चलें कि गुल सनव्वर मुजफ्फरनगर जिले के भोपा थाना इलाके के गांव सीकरी का रहने वाला है। गुल सनव्वर और उसके भाई जमशेद, दिलशाद और नौशाद पुत्र इशरत ने मिलकर गांव के ही तस्लीम की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि तस्लीम मर्डर केस में अम्मार प्रधान पैरवी कर रहे थे । जब गुल सनव्वर और उसके भाइयों को लगा कि अम्मार प्रधान उनके मुकदमे में मजबूती से पैरवी कर रहे हैं तब उन्होंने मुजफ्फरनगर शहर में दिनदहाड़े अम्मार प्रधान की भी गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी।
इस मुकदमे में भी गुल सनव्वर उसका भाई जमशेद , दिलशाद और नौशाद नामजद हुए थे। बताया जाता है कि तस्लीम मर्डर केस में इन चारों भाइयों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। उम्र कैद की सजा होने के बाद गुल सनव्वर को फिरोजाबाद जेल जबकि इसके भाई नौशाद को मेरठ जेल ट्रांसफर कर दिया गया था जबकि इसके दो भाई जमशेद और दिलशाद वर्तमान में मुजफ्फरनगर जिला कारागार में बंद है ।
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक पुलिस एक्सीडेंट में मारे गए बंदी गुल सनव्वर के खिलाफ मुजफ्फरनगर के अलग-अलग थानों में 26 मुकदमे दर्ज हैं। इन 26 मुकदमों में गुल सनव्वर पर हत्या के चार, हत्या के प्रयास के सात मुकदमे दर्ज थे। इसके अलावा गुल सनव्वर के खिलाफ एनएसए और गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है जबकि तीन बार गुल सनव्वर पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक गुल सनव्वर पर सबसे पहला मुकदमा वर्ष 1998 में मुजफ्फरनगर के भोपा थाने पर आईपीसी की धारा 363, 366 के तहत दर्ज हुआ था जिसमें गुल सनव्वर पर लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगा था। उसके बाद से गुल सनव्वर पर लगातार मुकदमे दर्ज होते गए। वर्ष 1998 में गुल सनव्वर पर पहला मुकदमा दर्ज हुआ था तो उसके बाद गुल सनव्वर के खिलाफ मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली में आखिरी मुकदमा अम्मार प्रधान की हत्या का दर्ज हुआ था तब से गुल सनव्वर लगातार जेल में बंद है अब एक्सीडेंट में गुल सनव्वर की मौत हो गई है।