विदेशी और कमिश्नर की जॉब छोड़ पहनी खाकी- ऐसी है इस SSP की कहानी

विदेशी और कमिश्नर की जॉब छोड़ पहनी खाकी- ऐसी है इस SSP की कहानी

सहारनपुर। इंजीनियर के परिवार में जन्मा बच्चा भी इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद विदेश में बड़ी कम्पनियों में जॉब करने लगा लेकिन इसी बीच उनके मन में सवाल उठा। सवाल यह था कि उन्हें ऐसे पद पर जाकर जनता की सेवा करनी थी। माता-पिता से जिक्र किया तो उन्होंने बेटे का हौंसला बढ़ाया और सपोर्ट करने का काम किया। माता-पिता का आर्शीवाद और अपनी मेहनत से बेटा यूपीएससी की परीक्षा दे आया परिणाम में सफल भी हुआ लेकिन खाकी वर्दी पहनने का सपना कहीं न कहीं पूरा नहीं हो रहा था और इसी वजह से युवा ने कमिश्नर का प्रशिक्षण करने के दौरान ही यूपीएससी का रिजल्ट आया और इस बार भी एग्जाम को क्रेक किया और पहले से अच्छी रैंक हासिल करने के बाद वह आईपीएस अधिकारी बन गये। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जहां पर एएसपी के पद पर रहे उसी जिले में एडशिनल एसपी के तौर पर काम किया और उस समय लोकसभा चुनाव लड़ रहे फिलहाल देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इलेक्शन सकुशल सम्पन्न कराया गया। आईपीएस अधिकारी करीब आधा दर्जन जिलों के पुलिस कप्तान के तौर पर शानदार पुलिसिंग को अंजाम दे चुके हैं। गुड पुलिसिंग करने का नतीजा निकलकर आया कि उन्हें डीजीपी के तीनों प्रशंसा पत्र सहित बड़े अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। आईपीएस अधिकारी यूपी के अयोध्या में उस समय पुलिस कप्तान थे, जब राम मंदिर का फैसला आया। आईपीएस अधिकारी ने अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाई थी कि परिंदा भी पर न मार सका था और शांत वातावरण कायम रहा था। फिलहाल आईपीएस अधिकारी वर्तमान में पश्चिमी यूपी के जनपद सहारनपुर के एसएसपी हैं नाम है आशीष तिवारी। आईपीएस आशीष तिवारी की सक्सेज स्टोरी पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल स्टोरी...


मध्यप्रदेश के नरमदापुरा जनपद की तहसील इटारसी है, इस तहसील में निवास करने वाले कैलाश नारायण तिवारी के परिवार में 26 अगस्त 1983 को एक बच्चे ने जन्म लिया, जिसका नाम रखा गया आशीष। आशीष के पिता कैलाश नारायण तिवारी इंजीनियर

थे और मां सरोज तिवारी गृहिणी है। उत्तर प्रदेश के जिले झांसी में कैलाश नारायण की नौकरी होने की वजह से आशीष तिवारी की कक्षा तीन तक की पढ़ाई वहीं पर हुई। वहां से तबादला हुआ तो आगे की पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय इटारसी से ही आशीष तिवारी ने पूरी की और हाईस्कूल की परीक्षा पास कर प्रथम श्रेणी में नाम अंकित कराया और इंटरमीडिएट के एग्जाम में भी अच्छे नंबर हासिल कर फर्स्ट डिविजन से 12वीं कक्षा को पास किया था। इंटरमीडिएट की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात आशीष तिवारी ने आईआईटी खडगपुर से कम्प्यूटर सांइस से बीटेक व एमटेक की डिग्री ली।


जब वर्ष 2007 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हुई तो आशीष तिवारी को लंदन की कम्पनी लेहमैन ब्रदर्स इन्वेस्टमेंट बैंकर की जॉब मिली, जहां पर सैलरी का पैकेज लाखों रूपये में था। इसके पश्चात आशीष तिवारी ने जापान की नोमुरा बैंक में एक्सपर्ट एनालिस्ट के रूप में बड़े पैकेज पर वर्क किया। अच्छी नौकरी पर पहुंचने के बाद जब आशीष तिवारी को लगा यूपीएससी की तैयारी की जाये और चयन होने के बाद लोगों की सेवा की जाये। यह बात आशीष तिवारी ने जब अपने परिवार के सामने रखी तो उनके माता-पिता ने उन्हें इस चीज के लिये सपोर्ट किया गया।

आशीष तिवारी ने विदेश से आकर पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और प्रथम प्रयास की कामयाब हुआ, जिसमें 330वीं रैक प्राप्त हुई। 330वीं रैंक हासिल होने की वजह से आशीष तिवारी के हिस्से में आईआरएस आया और इनकम टैक्स से असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर चयन हुआ। इसके बाद आशीष तिवारी 9 माह के प्रशिक्षण के लिये नागपुर चले गये, जहां पर पहुंचने के बाद भी आशीष तिवारी ने अपनी पढ़ाई को जारी रखा क्योंकि उनके दिल में आईपीएस बनने की चाह थी। प्रशिक्षण के बीच ही दूसरी बार दी गई वर्ष 2011 में यूपीएससी की परीक्षा का परिणाम आया तो इस बार आशीष तिवारी की 219वीं रैंक हासिल कर वर्ष 2012 बैच के आईपीएस अफसर बन गये।

आईपीएस आशीष तिवारी का प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत वाराणसी का एएसपी के पद पर तैनात किया गया। जिस वक्त यह पोस्टिंग हुई तो लोकसभा चुनाव का समय था और इसी लोकसभा सीट पर देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव लड़ रहे थे। इस चुनाव को सकुशल सम्पन्न कराने में आशीष तिवारी ने अच्छा काम किया। इसके बाद आशीष तिवारी की दूसरी पोस्टिंग वाराणसी में हुई एडिशनल एसपी के रूप में हुई। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में ही भाजपा सरकार आई थी और वर्ष 2017 में ही आशीष तिवारी को मिर्जापुर जिले में पुलिस कप्तान बनाया गया था। मिर्जापुर के अलावा आईपीएस आशीष तिवारी इटावा, अयोध्या, फिरोजाबाद, एटा, जौनपुर के पुलिस कमांडर रहे और अब पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले में एसएसपी के रूप में पुलिसिंग कर रहे हैं। आईपीएस आशीष तिवारी विशेष सुरक्षा बल यानी एसएसएफ के पहले कमांडेंट बने। इसके अलावा झांसी व आगरा सेक्टर के एसपी जीआरपी रहे।


आईपीएस आशीष तिवारी वर्ष 2024 में अमेरिका में पढ़ाई के लिये गये, जहां से उन्होंने फुल फेलोशिप पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री प्राप्त की। आईपीएस अधिकारी आशीष तिवारी को उनके शानदार पुलिलिंग करने की वजह से उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया गया। आईपीएस आशीष तिवारी को आईएसीपी यूएसए अंडर 40 ग्लोबल पुलिस लीडर सम्मान, एफआईसीसीआई स्मार्ट ुपुलिस ऑफिसर अवॉर्ड, स्कॉच अवॉर्ड, जीफाइल्स गवर्नेंस अवॉर्ड, गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम तीनों स्तर के डीजीपी के प्रशंसा पत्र और राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ निर्वाचन प्रथाओं के लिये भी पुरस्कार मिल चुका है। इनके अलावा आईपीएस आशीष तिवारी को हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित एआई फॉर गुड हैकाथॉन (अप्रैल 2025) में मेघालय ई-गवर्नेंस माव केन्द्रित सहायत परियोजना के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया।

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