SSP के फरमान की अनदेखी-थानेदार एवं दारोगा पर निलंबन की गाज

मेरठ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से दुष्कर्म पीड़िता का मामला दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेशों के बाद भी पीड़िता की सुनवाई नहीं करने वाले थाना अध्यक्ष और दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया है। पीड़िता की गुहार पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से मामला दर्ज कार्यवाही के आदेश दिए गए थे।
बृहस्पतिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विपिन ताडा की ओर से आदेशों के नाफरमानी के मामले को लेकर लिए गए एक बड़े एक्शन के अंतर्गत मुंडाली थाना अध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह और दरोगा रोहित बाबू को सस्पेंड कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि मुंडाली थाना क्षेत्र की रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता काफी समय से थाने के चक्कर लगा रही थी और वह अपनी डॉक्टरी जांच कराकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की डिमांड कर रही थी।
आरोप है कि थाना अध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह और मामले की विवेचना कर रहे दरोगा रोहित बाबू ने पीड़िता को थाने से भगा दिया था।
तकरीबन 6 दिन पहले वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पर आयोजित जनसुनवाई में पहुंची की पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जानकारी दी थी।
पीड़िता की विपदा सुनने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थाना अध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह से बात की और पीड़िता का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
आरोप है कि इसके बाद भी मुंडाली थाने में पीड़िता की सुनवाई नहीं की गई जिसके चलते वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आज मुंडाली थाना अध्यक्ष दिव्य प्रताप सिंह और दरोगा रोहित बाबू को सस्पेंड कर दिया है।