आईआईटियन कैसा बना IPS- जानिए यूपी के DGP राजीव की कहानी

लखनऊ। आईआईटियन के जहन में खाकी वर्दी पहनकर देश सेवा करने का जज्बा पैदा हुआ और पहले ही प्रयास में इस आईआईटियन ने पहले ही प्रयास में परीक्षा क्रेक कर आईपीएस अफसर बनकर अपना सपना साकार किया। यह आईपीएस अधिकारी ऐसी फैमिली से आता है, पिता इंजीनियर, बहन यूएस में इंजीनियर, पत्नी आईआरस अधिकारी, साला विधायक और उनकी पत्नी आईपीएस अधिकारी हैं। 22 साल की उम्र में खाकी वर्दी पहनने वाला यह आईपीएस अधिकारी आज करीब 34 साल का पुलिस कार्यकाल पूरा कर चुका है। 56 साल की उम्र वाले आईपीएस अधिकारी की कार्यशैली ऐसी रही कि पुलिस मेडल ऑफ गैलेंट्री, राष्ट्रपति पुलिस पदक, डीजी कमांडेशन के गोल्ड, सिल्वर, प्लेटिनियम सहित कई बड़े अॅवार्ड मिल चुके हैं। इस आईपीएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर खरा उतरते हुए उनका भरोसा जीतने का काम किया। इतना ही नहीं यूपी पुलिस की भर्ती का पेपर लीक हुआ तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने तेजतर्रार और ईमानदार अधिकारी की पहचान रखने वाले आईपीएस को पुलिस भर्ती संपन्न कराने का दायित्व दिया और इस पर आईपीएस खरा उतरे भी। जी हां हम बात कर रहे हैं साल 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा की। आईपीएस राजीव कृष्णा द्वारा की गई शानदार कार्यशैली और गुड पुलिसिंग का ही नतीजा है कि उन्हें यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। यह कार्यवाहक डीजीपी ऐसे हैं, जिनका अभी चार साल से ज्यादा का कार्यकाल शेष है। साल 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी और यूपी के कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्णा पर पेश है खोजी न्यूज की खास रपट...
दरअसल 26 जून 1969 का दिन था और जनपद गौतमबुद्धनगर में एचके मित्तल के परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ। परिवार ने इस बच्चे का नाम रखा राजीव कृष्णा। राजीव कृष्णा के पिता एचके मित्तल चीफ इंजीनियर सिंचाई विभाग के पद पर तैनात रहे और उनकी बहन यूएस में इंजीनियर है। राजीव कृष्णा की इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने रूडकी आईआईटी से वर्ष 1985 से लेकर वर्ष 1989 इलैक्टॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से बीई किया। इसी बीच आईआईटियन बना यह बच्चे ने ठानी की उन्हें सिविल सर्विसेज में जाकर देशसेवा करनी है। यही सपना मन में गढ़ाये हुए राजीव कृष्णा ने कड़ी मेहनत के साथ तैयारी की और पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को क्रेक कर साल 1991 बैच के आईपीएस बन गये, जिन्हें यूपी कैडर मिला। पहली बार में ही देश की कठिन परीक्षा को क्रेक कर आईपीएस अफसर बनने वाले राजीव कृष्णा की मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र से ट्रेनिंग की शुरूआत हुई।

अंडर ट्रेनी आईपीएस अफसर के रूप में राजीव कृष्णा को बतौर एएसपी प्रयागराज में पहली पोस्टिंग मिली। इसके उपरांत आईपीएस राजीव कृष्णा प्रशिक्षण के लिये हैदराबाद चले गये और फिर वहां से वह अक्टूबर 1993 में लौटे तो उन्हें बरेली जिले एएसपी बनाया गया। इसी बीच यहां पर रहते हुए आईपीएस अफसर राजीव कृष्णा की मुलाकात उस समय के डीआईजी रण बहादुर से हुई, जहां पर उनके साथ उनकी छोटी बेटी मीनाक्षी सिंह भी मौजूद थी। बातचीत के बीच ही डीआईजी रण बहादुर ने अपने बेटी मीनाक्षी सिंह का राजीव कृष्णा से परिचय कराया। संयोग यह है कि मीनाक्षी सिंह ने भी उसी साल सिविल सर्विसेज की परीक्षा क्रेक की बस फर्क रहा कि वह आईआरएस अफसर बनाई गर्इ्र। आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा और आईआरएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह के बीच बातचीत करते करते दोस्ती गहरी होती चली गई और विचार मिलने के साथ ही वह एक-दूसरे का पंसद करने लगे। आईपीएस राजीव कृष्णा और आईआरएस अधिकारी मीनाक्षी के बीच उस वक्त के डीआईजी रण बहादुर के सामने हुई मुलाकात साधारण मुलाकात थी लेकिन किस्मत को जो मंजूर था हुआ वो। दोनों अफसरों ने एक-दूसरे को पसंद करने वाली बात अपने-अपने परिवार को बताई, जिसके बाद उनके परिजनों ने रिश्ता तय कर दिया था।
वर्ष 1996 में लखनऊ पुलिस मेस में आयोजित समारोह में आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा और आईआरएस अधिकारी मीनाक्षी शादी के बंधन में बंध गये और यहां से दोनों का नया अध्याय आंरभ हुआ। राजीव कृष्णा और मीनाक्षी सिंह के बडे बेटे का नाम रूद्र सिंह कृष्ण, जो नैनीताल यूनिवर्सिटी ज्यूरिडिकल साइंसेज कोलकाता में तीसरे साल का स्टूडेंट है। छोटा बेटा रिभव सिंह कृष्ण है, जिसने हाल ही में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। आईपीएस राजीव कृष्णा के साला राजेश्वर सिंह भाजपा विधायक है, जो पूर्व में प्रवर्तन निदेशक रह चुके हैं। राजेश्वर सिंह की पत्नी का नाम लक्ष्मी सिंह हैं, जो आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में गौतमबुद्धनगर की पुलिस कमिश्नर है।
आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को बरेली के बाद कानपुर और अलीगढ़ जिले में भी बतौर एएसपी तैनात किया गया था। आईपीएस राजीव कृष्णा को पहली बार 10 मार्च 1997 में फिरोजाबाद जनपद के पुलिस मुखिया का दायित्व मिला। इसके बाद आईपीएस राजीव कृष्णा इटावा, मथुरा, फतेहगढ़, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, आगरा और बरेली जैसे जिलों में पुलिस कप्तान के रूप में पुलिसिंग की। आधा दर्जन से अधिक जिलों में सुपीरियर पुलिसिंग करने के बाद आईपीएस राजीव कृष्णा को 7 अगस्त 2007 को डीआईजी के पद पर प्रमोशन मिला। डीआईजी रैंक के अधिकारी होने पर आईपीएस राजीव कृष्णा को लखनऊ रेंज की जिम्मेदारी मिली और आगरा रेंज के डीआईजी के तौर पर भी तैनात रहे। डीआईजी के तौर पर पारी खेलने के बाद वर्ष 2010 के माह नवंबर की 9 तारीख को आईजी के पद पर आईपीएस राजीव कृष्णा के प्रमोट हुए। आईजी के पद पर प्रमोट हुए आईपीएस राजीव कृष्णा को शासन ने मेरठ रेंज का आईजी बनाया और यहां पर भी उन्होंने अपराधियों को सबक सिखाने का काम किया था। आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा आईजी पीएसी हेड क्वार्टर और आईजी पीएसी मध्य जोन के पद पर भी पोस्टिड रहे। इसके अतिरिक्त आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा बीएसएफ में आईजी ऑपरेशन के पद पर, इंडो-पाक ओर इंडो-बांग्लोदश बॉर्डर पर चार साल तक तैनात रहे, यहां पर रहते हुए आईपीएस राजीव कृष्णा की अगुवाई में सेंसर बेस्ड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम लांच किया गया। जम्मू कश्मीर में भी आईजी बीएसएफ के तौर पर आईपीएस राजीव कृष्णा अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
आईजी प्रमोशन के बाद पांच साल वर्ष 2016 के पहली माह की पहली तारीख यानी पहली जनवरी का दिन आईपीएस राजीव कृष्णा के लिये फिर से खुशखबरी वाला था क्योंकि इस दिन उनको एडीजी के पद पर प्रमोशन मिल चुका था। बतौर एडीजी आईपीएस राजीव कृष्णा लखनऊ जोन सहित कई जोन में पुलिसिंग कर चुके हैं। एडीजी के तौर पर आठ साल पुलिसिंग करने के बाद आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को 1 फरवरी 2024 को डीजी के तौर पर प्रमोशन मिला। उत्तर प्रदेश में 60,224 पदों पर सिपाही की हुई सीधी भर्ती का पेपर लीक होने के बाद शासन ने आईपीएस राजीव कृष्णा पर भरोसा जताया गया और उन्हें यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। सुपीरियर तरीके से सिपाही भर्ती के एग्जाम को कराकर आईपीएस राजीव कृष्णा ने लोहा मनवाया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर खरा उतरते हुए भरोसा जीतने का काम किया।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद पर आईपीएस प्रशांत कुमार का रिटायर होने का समय आया तो यूपी डीजीपी बनने की लिस्ट में कई आईपीएस अफसरों के नाम थे लेकिन उन सभी में आईपीएस राजीव कृष्णा पहले नंबर पर चल रहे थे और हुआ भी यूं ही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस राजीव कृष्णा की गुड पुलिसिंग को देखते हुए उन्हें यूपी डीजीपी का जिम्मा सौंपा है। आईपीएस अधिकारी वर्तमान में यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नती बोर्ड के अध्यक्ष और विजिलेंस अध्यक्ष हैं।
आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्णा को 27 मार्च 2002 को पीएमजी, 15 अगस्त 2007 को पीएम, 16 दिसम्बर 2009 को पीएमजी, 26 जनवरी 2015 को पीपीएम, 15 अगस्त 2018 को डीजी कमांडेशन डिस्क सिल्वर, 15 अगस्त 2019 में डीजी कमांडेशन डिस्क गोल्ड और 15 अगस्त 2020 में डीजी कमांडेशन डिस्क प्लेटिनियम अॅवार्ड मिला।