स्टेशन मास्टर भी रह चुकी है DSP रूपाली- पहले प्रयास में पहनी खाकी

स्टेशन मास्टर भी रह चुकी है DSP रूपाली- पहले प्रयास में पहनी खाकी

मुजफ्फरनगर। शुरूआती शिक्षा से ही पढ़ाई में होनहार बच्ची की काबिलियत को माता-पिता ने देखा तो परिवार को लगा कि बच्ची बड़ी होकर अधिकारी बन सकती है। एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद लड़की ने जीतोड़ मेहनत के साथ पहले ही प्रयास में यूपीपीसीएस की परीक्षा क्रेक कर यूपी पुलिस की डीएसपी बन गई। यूपी पुलिस की डीएसपी से पहले परिवार में कोई पुलिस में या कोई अधिकारी नहीं रहा। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यह होनहार लड़की यूपी पुलिस की डीएसपी के चयन से पहले रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर की नौकरी भी कर चुकी है। अपने सफलता को माता-पिता को श्रेय देने वाली इस लड़की का नाम है रूपाली रॉय चौधरी। रूपाली रॉय चौधरी साल 2016 बैच की पीपीएस अधिकारी है, जो करीब डेढ़ साल से मुजफ्फरनर जिले की सीओ नई मंडी के रूप में तैनात है। साल 2016 बैच की पीपीएस अधिकारी एवं सीओ नई मंडी रूपाली रॉय चौधरी पर पेश है खोजी न्यूज की विशेष रिपोर्ट...

गौरतलब है कि सूबे की राजधानी रजनी खड शारदा नगर में निवास करने वाले रामप्रकाश राव के परिवार में 24 जुलाई 1993 के दिन बच्ची ने जन्म लिया, जिसका परिवार ने रूपाली रॉय चौधरी नाम रखा। रूपाली रॉय चौधरी की माता का नाम रंजू रॉय है। रूपाली रॉय चौधरी अपने माता-पिता की बड़ी बेटी हैं, उनके एक छोटा भाई भी है, जो बैंगलुरू में इंजीनियर है। रूपाली रॉय चौधरी ने पैरों पर चलने और बोलना शुरू किया तो माता-पिता ने रूपाली रॉय चौधरी का रानी लक्ष्मीबाई स्कूल में दाखिला कराया। लखनऊ में हाईस्कूल तक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद गाजियाबाद में स्थित सेंट पाल अकादमी वर्ष 2010 में उन्होंने इंटरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण की। अच्छे प्रतिशन नंबर लाने पर हाईस्कूल में स्कॉलरशिप और इंटरमीडिएट में रूपाली रॉच चौधरी को सम्मानित किया गया था। बचपन की पढ़ाई से ही टॉपर सूची में शामिल रहने वाली रूपाली रॉय चौधरी कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली आकर श्रीराम गु्रप ऑफ कॉलेज दिल्ली से बी.कॉम और अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल की।

रूपाली रॉय चौधरी एमबीए तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई थी। रूपाली रॉय चौधरी ने वर्ष 2016 में यूपीपीसीएस का एग्जाम दिया लेकिन इसी बीच उन्होंने रेलवे की एक परीक्षा भी दी थी, जिसमें उनका वर्ष 2017 में चयन हो गया था और वर्ष 2018 में उन्होंने लखनऊ में रेलवे स्टेशन मास्टर के तौर पर चार्ज संभाल लिया था। इसी बीच रूपाली रॉय चौधरी की मेहनत की पोटली खुलती है और उनके पास यूपीपीसीएस के इंटरव्यू की कॉल आती है, जिसके बाद रूपाली रॉय चौधरी ने जॉब से 10 दिन का अवकाश लेकर इंटरव्यू की तैयारी की और इंटरव्यू दे आई। फाइनल रिजल्ट आया तो रूपाली रॉय चौधरी के लिये डीएसपी का ऑफर ओपन हुआ, जिसके बाद रेलवे की नौकरी से रिजाइन कर उन्होंने यूपी पुलिस में आकर खाकी वर्दी पहन ली थी।

पीपीएस अधिकारी रूपाली रॉय चौधरी खोजी न्यूज से रूबरू होते हुए बताती हैं कि जब वह पढ़ाई करते हुए थक जाती थी तो वह स्वयं को रिलेक्स करने के लिये पुरानी गजले सुनती थी। वह कहती है कि मैंने कभी किताबी कीड़ा होकर नहीं पढ़ा, जितना भी वक्त में मैं पढ़ाई करती थी, पूरा फोकस और मन लगाकर करती थी। पढ़ाई के बीच मैं खुद और अपने परिवार को भी वक्त देती थी। पहले ही प्रयास में पीपीएस अधिकारी बनने का श्रेय वह अपने माता-पिता को देती हैं। वह कहती हैं कि उनके परिवार को उनको तैयारी के दौरान पूरा सपोर्ट रहा। दोस्तो से कम और पैरेंट्स से ज्यादा बात होती थी। रूपाली रॉय चौधरी की शादी उनके ही बैचमेंट से हुई है, जिनके एक बेटा भी है।

वर्ष 2019 के सितम्बर माह में रूपाली रॉय चौधरी ने भीमराव अंबेडकर एकेडमी मुरादाबाद में प्रशिक्षण करने के बाद वर्ष 2020 में हापुड में बतौर अंडर ट्रेनी डीएसपी रूपाली रॉय चौधरी को तैनात किया गया, जहां पर उन्हें थाना हापुड देहात की प्रभारी बनाया गया था। यूपी पुलिस की डीएसपी का प्रशिक्षण पूरा हुआ तो पीपीएस अधिकारी रूपाली रॉय चौधरी की पहली पोस्टिंग मेरठ जिले में हुई, जहां पर वह करीब तीन साल तक तैनात रही। इस तैनाती के दौरान वह सीओ कैंट और सीओ किठौर रही। करीब तीऩ साल के कार्यकाल में रूपाली रॉय चौधरी लगभग डेढ़ साल के मातृत्व अवकाश पर रही। शासन की तबादला एक्सप्रेस चली तो मेरठ जिले से रूपाली रॉय चौधरी को मुजफ्फरनगर जिले में भेजा गया। मुजफ्फरनगर जिले के नई मंडी सीओ के रूप में रूपाली रॉय चौधरी ने 12 दिसम्बर 2023 को कार्यभार ग्रहण किया। अब मुजफ्फरनगर में सीओ नई मंडी के तौर पर रूपाली रॉय चौधरी का डेढ़ साल का कार्यकाल हो चुका है।

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