30 लाख की फिरौती में महिला आईपीएस मिली दोषी

30 लाख की फिरौती में महिला आईपीएस मिली दोषी

कानपुर। महिला आईपीएस अपर्णा गुप्ता के ऊपर संजीत अपहरण एवं हत्याकांड में पीड़ित परिवार की ओर से लगाए गए आरोप जांच के दौरान सही पाए गए हैं। आईपीएस अपर्णा गुप्ता पर लगे आरोपों की जांच कर रही लखनऊ की एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की जांच रिपोर्ट में महिला आईपीएस अपर्णा गुप्ता को दोषी पाया गया है। जांच अधिकारी ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजकर आईपीएस के ऊपर कार्यवाही किए जाने की संस्तुति की है। उम्मीद की जा रही है कि शासन की ओर से जल्द ही आईपीएस अपर्णा गुप्ता पर बड़ी कार्यवाही की जा सकती है।

दरअसल कानपुर के बर्रा में हुए चर्चित संजीत अपहरण एवं हत्याकांड को लेकर पीड़ित परिवारजनों की ओर से तत्कालीन एसपी साउथ आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता पर आरोप लगाया गया था कि उनकी लापरवाही से ही बदमाशों द्वारा अपहृत किये गये उनके बेटे संजीत यादव की हत्या हुई है। शासन की ओर से पीड़ित परिवार की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद आईपीएस अधिकारी को सस्पेंड करने के साथ ही इस मामले की जांच आईजी स्तर के एक अधिकारी को दी गई थी। आईजी द्वारा की गई मामले की जांच में चार प्रमुख बिंदुओं को लेकर आईपीएस की लापरवाही सामने आई है। जांच में पाया गया है कि एसपी साउथ की ओर से पूरे मामले को लेकर पर्यवेक्षण में घोर लापरवाही की गई थी। इसी के चलते एक महीने बाद संजीत अपरहण एवं हत्याकांड का खुलासा हो सका। इसके अलावा पीड़ित परिवार के साथ भी मामले के खुलासे के लिए आईपीएस अधिकारी समन्वय नहीं बना सकी। पीड़ित परिवार को भरोसे में नहीं ले पाने की वजह से केस बिगड़ता चला गया। उधर पीड़ित परिवार की ओर से आरोप लगाया गया था कि फिरौती की रकम पुलिस के साथ बदमाशों को दी गई थी। लेकिन आईपीएस अधिकारी की ओर से इस बात को खारिज कर दिया गया था, लेकिन बाद में खुद ही यह भी बयान दिया था कि पुल के ऊपर से बैग फेंका गया था। लेकिन जब तक पुलिस सड़क पर घूमकर पुल के नीचे पहुंची तो अपहरणकर्ता फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने दावा किया था कि फिरौती में नकली नोट दिए गए थे। लेकिन जब इस बात की जांच हुई कि कौन सा पुलिसकर्मी पैसे लेने के लिए गया था? तो किसी भी पुलिसकर्मी का नाम सामने नहीं आ सका है।



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