जीवित व्यक्ति का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र- कर दिया गया निलंबित

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पीलीभीत। उत्तर प्रदेश की पीलीभीत नगर पालिका में विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी के शपथ पत्र के आधार पर जिंदा व्यक्ति को सरकारी कागजों में मृत दर्शाकर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

इसका खुलासा तब हुआ जब तहसील से इस मामले में आपत्ति के साथ उसके लापता होने की जानकारी दी गई। मामला की जांच में तहसील की रिपोर्ट सही पाये जाने पर दोषी महिला कर्मचारी को विभाग को गुमराह करने के आरोप में बुधवार को निलंबित ।

आवेदन करने वाले युवक के खिलाफ भी नगर पालिका ने एफआईआर की तैयारी की जा रही है। इस मामले में नगर पालिका ईओ, तहसीलदार और एसडीएम समेत कुछ अफसरों से वार्ता करने के बाद युवक के खिलाफ एफआईआर करवाई जाएगी।

सूत्रों के अनुसार पीलीभीत शहर के मोहल्ला बशीर खां निवासी नईम के परिवार की ओर से नगर पालिका में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अप्रैल 2017 में आवेदन किया था जिसमें नगर पालिका में बेलदार के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी नूर बानो के ने गवाह के रूप में एक शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया था। शपथ पत्र पर कर्मचारियों ने सांठगांठ के चलते मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

मृतक दर्शाए गए नईम का सदर तहसील से कराए गए सर्वे में पता चला कि वह बीते सात सालों से लापता है और देहरादून में रहकर नौकरी कर रहा है। इस मामले में नगर पालिका ईओ की ओर से शपथ पत्र देने वाली कर्मचारी नूर बानो को नोटिस जारी करते हुए लिखित स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए थे लेकिन उनकी ओर से कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया।

ईओ नगरपालिका पीलीभीत पूजा त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कराने के मामले में पालिका में तैनात महिला कर्मचारी ने विभाग को गुमराह करते हुए एक जिंदा युवक का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवाने के लिए शपथ पत्र दिया था। पुनः जांच में युवक के जिंदा होने की जानकारी मिलने पर महिला कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। प्रमाण पत्र को भी निरस्त कर दिया हैं।

वार्ता

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